जदयू-कांग्रेस गठचाोड़ के कयास
लालू,पासवान और मुलायम के बीच गठाोड़ से होने वाला नुकसान वाकई कांग्रेस के लिए करने वाला है। इससे उबरने के लिए कांग्रेस राजग के महत्वपूर्ण घटक दल जदयू की ओर प्रेम की पींगे बढ़ाने लगी है। एक टीवी चैनल...
लालू,पासवान और मुलायम के बीच गठाोड़ से होने वाला नुकसान वाकई कांग्रेस के लिए करने वाला है। इससे उबरने के लिए कांग्रेस राजग के महत्वपूर्ण घटक दल जदयू की ओर प्रेम की पींगे बढ़ाने लगी है। एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में पूछे जाने पर कांग्रेस के वरीय नेता वीरप्पा मोइली ने इसका संकेत देते हुए कहा कि कांग्रेस जदयू के साथ आ सकती है। कांग्रेस की नजर में राजग में होने के बावजूद शरद यादव के नेतृत्व वाली जदयू सेक्युलर पार्टी है। मगर दूसरी ओर जदयू के सीनियर नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस कयास को सिर से खारिा करते हुए कहा है कि जदयू राजग के साथ है और राजग के साथ ही रहेगा।ड्ढr ड्ढr कांग्रेस के साथ किसी गठाोड़ से उन्होंने साफ इंकार किया। जदयू के प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने इसे कांग्रेस का शगूफा करार देते हुए कहा है कि लोकसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं को भ्रमित करने के लिए इस तरह की बातें की जाती है। वरुण गांधी की कथित भड़काऊ टिप्पणी पर नीतीश कुमार की तीखी प्रतिक्रिया से प्रभावित हो कर कांग्रेस ने इस तरह की पहल की है। दरअसल मोइली ने इसी संदर्भ में यह कयास व्यक्त किया है कि कांग्रेस को जदयू के साथ जाने में कोई परशानी नहीं होगी,बशर्ते कि वह भाजपा का साथ छोड़ दे।ड्ढr ड्ढr मगर इसमें मुश्किल यह है कि बिहार में जदयू और भाजपा की सरकार है और 243 सदस्यीय सदन में भाजपा के 55 सदस्य हैं। भाजपा को दरकिनार कर कांग्रेस के साथ जाने की जोखिम उठाना जदयू के लिए आसान नहीं है। वैसे कांग्रेसी नेताओं का आकलन है कि धर्मनिरपेक्षता के नाम पर अगर बचे हुए कार्यकाल के लिए जदयू अपनी सरकार को कुर्बान करती है तो कांग्रेस के साथ उसका संबंध बन सकता है। वैसे बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल शर्मा ने जदयू और कांग्रेस के बीच हुई किसी बातचीत में शामिल होने से इंकार करते हुए कहा कि उच्चस्तर पर हुई किसी बात की उन्हें जानकारी नहीं है।