गैस आपूर्ति पर अदालती फैसला स्पष्ट नहीं:रिलायंस
अंबानी भाईयों की कानूनी लड़ाई में उस समय एक नया मोड़ आ गया, जब मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कहा कि अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस नेचुरल रिसोर्सिज लिमिटेड (आरएनआरएल) को कृष्णा गोदावरी...
अंबानी भाईयों की कानूनी लड़ाई में उस समय एक नया मोड़ आ गया, जब मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कहा कि अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस नेचुरल रिसोर्सिज लिमिटेड (आरएनआरएल) को कृष्णा गोदावरी बेसिन से रियायती दाम पर निश्चित मात्रा में गैस आपूर्ति करने संबंधी मुंबई उच्च न्यायालय का फैसला स्पष्ट नहीं है तथा वह इसके कानूनी पहलुओं का अध्ययन कर रही है।
उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ मुकेश अंबानी द्वारा उच्चतम न्यायालय में अपील दायर करने की संभावनाओं के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कहा कि गत 15 जून को मुंबई उच्च न्यायालय द्वारा सुनाए गए फैसले में गैस के मूल्यमात्रा और आपूर्ति अवधि के बारे में बहुत सी बातें स्पष्ट नहीं हैं। इस संबंध में कानूनी सलाह ली जा रही है तथा जल्द ही वह अपना मत रखेंगे। अनिल अंबानी की कंपनी ने उच्च न्यायालय के फैसले के अनुरुप रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ गैस आपूर्ति के बारे में नया करार करने का आग्रह किया था। जिसके जबाव में मुकेश की ओर से यह पक्ष रखा गया। मुकेश अंबानी ने कहा कि मुंबई उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान उनकी दलील थी कि गैस के मूल्य, मात्रा और आपूर्ति अवधि के बारे में जो भी समझौता होगा। उस पर सरकार की सहमति हासिल की जाएगी। उन्होंने कहा कि अनिल अंबानी समूह को गैस आपूर्ति के लिए वह तब तक कोई समझौता नहीं करेंगे जब तक कि उसपर सरकार की सहमति नहीं होगी।
अंबानी बंधुओं ने स्पष्ट किया कि इस प्रकरण में उसने कोई राय व्यक्त नहीं की है। मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि इस प्रकरण में पेट्रोलियम मंत्रालय या किसी अन्य मंत्रालय ने उसे कोई प्रतिवेदन नहीं भेजा है। इस कानूनी लड़ाई के बीच मंगलवार को केन्द्र सरकार के कानून एवं न्याय मंत्रालय ने मंत्रालय ने यह स्पष्टीकरण उन मीडिया रिपोर्टों के संदर्भ में जारी किया है कि सरकार अम्बानी भाइयों के विवाद में हस्तक्षेप करने का इरादा रखती है। इन रिपोर्टों में कहा गया था कि यह मामला जब उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के लिए आएगा तो सरकार हस्तक्षेप करेगी। उल्लेखनीय है कि मुम्बई उच्च न्यायालय ने गत 15 जून को मुकेश अम्बानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्री को निर्देश दिया था कि वह रिलायंस समूह के विभाजन के समय हुए समझौते के अनुरुप अनिल अम्बानी की कंपनी रिलांयस नेचुरल रिसोर्स लिमिटेड को 2.34 डालर प्रति एमबीटीयू की दर से गैस की बिक्री करे। अंबानी बंधुओं के समझौते के अनुरुप इस मूल्य पर रिलायंस इंडस्ट्री को केजी बेसिन से दो करोड़ 80 लाख मीट्रिक घन मीटर प्रतिदिन गैस आपूर्ति करने का निर्देश दिया था जबकि केन्द्र सरकार द्वारा तैयार किए गए फामूर्ले के अनुसार गैस का मूल्य 4.20 डालर प्रति एमबीटीयू है।