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वर्षा के बाद नर्सरी डालने वाले किसानों को हो सकता है नुकसान

इस समय की चिलचिलाती शुष्क धूप तो खेती के लिए काफी फायदेमन्द हैं। क्योंकि तेज धूप की गर्मी से खेतों के कीड़े मरेंगे और वर्षा के बाद जो खेतों में कोपल निकलेंगी वह सुरक्षित रहेगा। कृषि विज्ञानियों का...

वर्षा के बाद नर्सरी डालने वाले किसानों को हो सकता है नुकसान
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 24 Jun 2009 10:59 PM
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इस समय की चिलचिलाती शुष्क धूप तो खेती के लिए काफी फायदेमन्द हैं। क्योंकि तेज धूप की गर्मी से खेतों के कीड़े मरेंगे और वर्षा के बाद जो खेतों में कोपल निकलेंगी वह सुरक्षित रहेगा। कृषि विज्ञानियों का मानना है कि मानसून में अभी इतना विलम्ब नहीं हुआ है कि इससे खेती को नुकसान या सूखे जैसी कोई स्थिति कही जाए।

अलबत्ता विज्ञानी यह जरूर कह रहे हैं कि अगर अगले दस दिनों के भीतर बरसात नहीं हुई तो खरीफ विशेषकर धान की बुआई और रोपाई प्रभावित हो सकती है। कृषि विशेषज्ञ मानते हैं कि उड़द-मूंग की कटाई समाप्त हो चुकी है और सूरजमुखी भी कटने की कगार पर है। इन सबके लिए सूखी धूप काफी मुफीद होती हैं जबकि इस तेज धूप में गन्ने को भी काफी फायदा पहुँचेगा क्योंकि इससे गन्ने में गाँठे अधिक बनेंगी।

रही बात धान की तो जिनके पास सिंचाई के पर्याप्त साधन हैं उन्होंने तो धान की रोपाई शुरू कर दी है किन्तु जो मानसूनी बरसात के बाद नर्सरी लगाते हैं उन्हें अब नुकसान हो सकता है। कृषि विशेषज्ञ डा. बी के त्यागी कहते हैं कि जिनके पास सिंचाई के साधन हैं वे धान की नर्सरी भी पहले डालते हैं और रोपाई भी उनकी खेतों में पहले हो जाती है परन्तु जो पूरी तरह से वर्षा पर आश्रित होते हैं उन्हें मानसून के लेट होने से नुकसान हो जाएगा।

जैसे-जैसे वर्षा में देरी होती जाएगी नर्सरी भी लेट होगी और फिर उसका असर रोपाई पर भी पड़ेगा। वहीं कृषि विशेषज्ञ इक्ष्वाकु सिंह कहते हैं कि अभी बहुत देरी नहीं हुई है। मानसून का कुछ दिन इन्तजार किया जा सकता है। अगर सप्ताह दस दिन बाद मानसूनी बरसात नहीं हुई तब चिन्ता की बात हो सकती है फिलहाल तो खेतों की तैयारी के लिए यह अनुकूल समय है।

वैसे भी किसान खाद-बीज के इन्तजाम से लेकर अन्य तैयारियों को अन्तिम रूप देने में लगे होंगे और जैसे ही बरसात शुरू होगी बुआई-रोपाई का सिलसिला शुरू हो जाएगा बशर्ते की अगले दस दिनों के भीतर बारिश का सिलसिला शुरू हो जाए।

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