बिना एमटीपी के भी हो सकता है डीएनए टेस्ट
नारी निकेतन मामले में आरोपी का पता लगाने के लिए जहां पुलिस लगातार सबके ब्लड सैंपल ले रही है, वहीं एमटीपी के लिए कोर्ट के निर्णय का इंतजर किया जा रहा है। एमटीपी के बाद ही भ्रूण से सभी कर्मचारियों के...
नारी निकेतन मामले में आरोपी का पता लगाने के लिए जहां पुलिस लगातार सबके ब्लड सैंपल ले रही है, वहीं एमटीपी के लिए कोर्ट के निर्णय का इंतजर किया जा रहा है। एमटीपी के बाद ही भ्रूण से सभी कर्मचारियों के ब्लड सैंपल का डीएनए मिलाया जाएगा, लेकिन एक बीच का रास्ता भी है, जिसके लिए एमटीपी की जरूरत नहीं है। ये तकनीक है डीएनए प्रीनेटल पेरेंटिंग टेस्ट। इस विधि से प्राकृतिक पिता का पता लगाया जा सकता है। इस तकनीक के लिए पहले हैदराबाद में टेस्ट भेज जाता था, लेकिन अब सीएफएसएल चंडीगढ़ भी इस तकनीक से डीएनए जांच कर सकता है।
इसमें कोई संदेह नहीं कि मंदबुद्धि लड़की को मातृत्व का अर्थ नहीं पता, लेकिन कोर्ट के आदेशों के अनुसार एमटीपी का निर्णय पीजीआई ने दोबारा कोर्ट में भेजा है। ऐसे में बिना एमटीपी के भी आरोपी का पता लगाया जा सकता है। गौरतलब है कि इसके लिए जेनेटिक टेस्टिंग लैब चाहिए, जो जीएमसीएच-32 व पीजीआई में मौजूद है।
कोई रिस्क नहीं
पीजीआई विशेषज्ञों का मानना है कि इसमें कुछ हद तक रिस्क रहता है, जिसमें गर्भपात होने से लेकर प्रीमेच्योर डिलिवरी का भी डर रहता है, लेकिन अगर ध्यान से अल्ट्रासाऊंड की मदद से फ्लूयड लिया जाए तो बिना किसी डर के सैंपल लिया जा सकता है। इसके लिए पेट से बच्चेदानी में फ्यूलड लिया जाता है। निजी लैब में कार्यरत फोरेंसिक साइंस विशेषज्ञ डॉ. एस के भुल्लर ने बताया कि एमियोटिक फ्लूयड से भी डीएनए टेस्ट किया जा सकता है, लेकिन उसमें कुछ हद तक रिस्क रहता है। एहतियात से किया जाए तो दिक्कत नहीं होती। सबसे बेहतर तकनीक में भ्रूण का ब्लड सैंपल रहता है, जिसमें सीधे रिजल्ट सामने आते हैं।