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ब्लॉग वार्ता: हर खेल की बात करता खेलगढ़

http://khelgarh.blogspot.com क्लिक करते ही खेलों का एक ऐसा संसार खुलता है जहां वाकई खेल की चर्चा है। वर्ना किस मीडिया को चिंता है कि छत्तीसगढ़ के स्कूलों में स्केटिंग और जंप रोप क्यों नहीं शामिल...

ब्लॉग वार्ता: हर खेल की बात करता खेलगढ़
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 09 Jun 2009 07:15 PM
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http://khelgarh.blogspot.com क्लिक करते ही खेलों का एक ऐसा संसार खुलता है जहां वाकई खेल की चर्चा है। वर्ना किस मीडिया को चिंता है कि छत्तीसगढ़ के स्कूलों में स्केटिंग और जंप रोप क्यों नहीं शामिल हैं। जबकि अन्य राज्यों के स्कूलों के खेल पाठ्यक्रमों में इसे जगह मिली हुई है। 

राजकुमार खेल को सिर्फ क्रिकेट की नजर से नहीं देखते। शायद इसलिए भी कि वे उस मुख्यधारा वाले भारत का हिस्सा नहीं है जहां हर साबुन-सर्फ के विज्ञापन पर धोनी और सहवाग छाये रहते हैं। राजकुमार के इस लेख से पता चलता है कि जंप रोप यानी रस्सी कूदने के खेल में भी राष्ट्रीय कोच होते हैं। एक ऐसी ही खबर पर नजर पड़ती है। भिलाई और राउरकेला के इस्पात संयत्रों की टीम के बीच बास्केटबाल के मुकाबले की खबर। अंतर इस्पात प्रतियोगिता में भिलाई की टीम ने राउरकेला की टीम को हरा दिया है। ऐसा भी नहीं कि राजकुमार का खेल प्रेम क्रिकेट से नफरत करता है। खेलगढ़ में क्रिकेट की भी चर्चा है। वे लिखते हैं कि रायपुर की रियाज क्रिकेट अकादमी ने तीन लाख पच्चीस हजार की रोलर मशीन खरीद ली है।  इस मशीन के आने से विकेट बनाने के लिए अभ्यास नहीं रोकना पड़ेगा। सवा तीन लाख की रोलर मशीन। इस पर तो किसी का ध्यान भी नहीं गया था। जाहिर है कमाई होती होगी तभी क्रिकेट अकादमियां इस तरह के महंगे संसाधन जुटाने में समर्थ हो रहीं हैं।

इस ब्लॉग पर रायपुर में बने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की भी जानकारी है और गोल्फ कोर्स के प्रस्ताव की भी।
राजकुमार ग्वालानी लिखते हैं कि राजधानी रायपुर में गोल्फ कोर्स बनाने के लिए सौ एकड़ जमीन का इंतजाम हो चुका है। राजकुमार के इस ब्लॉग पर हर तरह के खेल की सूचना है। पढ़ कर पता चलता है कि छत्तीसगढ़ खेल की दिशा में किस तरह से काम कर रहा है। राजकुमार लिखते हैं कि इन दिनों राज्य में देसी औद्योगिक घरानों के साथ-साथ विदेशी कंपनियां भी आने लगीं हैं। इसलिए गोल्फ कोर्स की जरूरत महसूस की जाने लगी थी।
राजकुमार ग्रामीण खेलों की दुनिया की भी जानकारी देते हैं। बताते हैं कि छत्तीसगढ़ के हैंडबॉल संघ ने एक राष्ट्रीय कोच को बुलाने का फैसला किया है ताकि गांवों में आदिवासी युवकों को इस खेल में बेहतर प्रशिक्षण दिया जा सके।


खेलगढ़ यह भी बता रहा है कि सप्रे टेनिस हॉल में नई मशीन आ गई हैं। यह मशीन लगातार गेंदे फेंकती है और दर्जन भर से अधिक खिलाड़ी फोरहैंड का अभ्यास कर रहे हैं। हिंदी में खेल पर यह अकेला संपूर्ण ब्लॉग है।
बिहार से कोई क्रिकेट टीम पहली बार छत्तीसगढ़ आ रही है। छत्तीसगढ़ की टीम के कप्तान बिलासपुर के मार्टिन जोसेफ बनाये गए हैं। मई में हुए अंडर-16 प्रतियोगिता के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।  जितने भी राष्ट्रीय न्यूज चैनल हैं, किसी भी भाषा में, उन सबमें खेल का मतलब पहले क्रिकेट फिर दूसरे नंबर में टेनिस ही रह गया है। खेल के कार्यक्रमों की कोई कमी नहीं है, लेकिन उनमें खेल नहीं है। क्रिकेट के पुराने खिलाड़ी हैं जो मैच समाप्ति के बाद कमेंटेटर का काम करते हैं। लेकिन इंटरनेशनल और बीसीसीआई के दायरे से बाहर क्रिकेट में ही क्या हो रहा है, इसकी भी जानकारी नहीं मिल पाती।


राजकुमार ग्वालानी इन तमाम सीमाओं को तोड़ देते हैं। वर्ना सीएम ट्राफी में रायपुर की टीम ने जसपुर की टीम को हरा दिया है, इसकी जानकारी कहां मिलती है। स्थानीय अखबार जिले की खेल खबरों को छाप देते हैं, लेकिन आज कल यह भी जिला संस्करण में ही दब कर रह जाता है। ब्लॉग इसे अंतरराष्ट्रीय बना रहा है। अमेरिका में बैठा कोई जान सकता है कि उसके अपने शहर रायपुर में खेलों की दुनिया कैसे बदल रही है। इस ब्लॉग को पढ़ कर लगता है कि छत्तीसगढ़ में खेलों की दुनिया में बहुत कुछ हो रहा है। अच्छा प्रयास है। अगर आप खेल में दिलचस्पी रखते हैं तो इस ब्लॉग को पढ़ कर एक राज्य में खेल के प्रति सरकार और समाज की सोच को भी करीब से देख सकते हैं।

ravish@ndtv.com

लेखक का ब्लॉग है naisadak.blogspot.com

 

 

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