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Hindi Newsकेन्द्र के गरीब वर्गों के कार्यक्रम में कोई नयापन नहीं: मायावती

केन्द्र के गरीब वर्गों के कार्यक्रम में कोई नयापन नहीं: मायावती

मुख्यमंत्री मायावती ने कहा है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में केंद्र सरकार द्वारा समाज के विभिन्न कमजोर और गरीब वर्गो के लिए घोषित कार्यक्रमों और योजनाओं में कोई नयापन नहीं है। इसके पहले भी यूपीए की...

केन्द्र के गरीब वर्गों के कार्यक्रम में कोई नयापन नहीं: मायावती
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 05 Jun 2009 09:07 PM
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मुख्यमंत्री मायावती ने कहा है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में केंद्र सरकार द्वारा समाज के विभिन्न कमजोर और गरीब वर्गो के लिए घोषित कार्यक्रमों और योजनाओं में कोई नयापन नहीं है। इसके पहले भी यूपीए की पिछली सरकार ने ऐसी योजनाओं की बात की थी, लेकिन इनके कोई सार्थक नतीजे प्राप्त नहीं हुए थे। इसलिए केंद्र सरकार को अब घोषित कार्यक्रमों को ईमानदारी से लागू करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को यहाँ जारी एक बयान में कहा कि अनुसूचित  जाति और जनजाति वर्ग के लोग समाज के सबसे कमजोर वर्गो में से एक हैं। इन वर्गो के लोगों को और अधिक अवसर देने का उल्लेख तो अभिभाषण में किया गया है, लेकिन अपनी इस मंशा को केंद्र की नई सरकार कैसे पूरा करेगी, उसके बारे में कुछ नहीं बताया गया है। इस संबंध में उदाहरण देते हुए मायावती ने कहा कि निजी क्षेत्र में अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को आरक्षण की सुविधा देने के बारे में केंद्र सरकार ने कुछ भी नहीं बताया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र की नई सरकार ने अल्पसंख्यकों के कल्याण को उच्चतम प्राथमिकता देना जारी रखने की बात कही है। ऐसे में अल्पसंख्यक मुस्लिम समाज को यह जानने का पूरा अधिकार है कि सच्चर कमेटी की रिपोर्ट को पिछली सरकार ने क्यों नहीं लागू किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान किसानों के कर्जो की माफी की बात को अभिभाषण में उठाकर अपनी पीठ खुद थपथपाई है।

उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि कर्जा माफी का लाभ केवल बड़े किसानों को ही मिला है। इसके विपरीत छोटे सीमान्त और गरीब किसान इस सुविधा से पूरी तरह वंचित रहे क्योंकि ऐसे किसान अपनी जरूरतों के लिए बैंकों से कर्ज प्राप्त नहीं कर पाते और साहूकारों और सूदखोरों के ऊपर निर्भर होने को मजबूर हो जाते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार यह दावा भी खोखला है कि नरेगा योजना के तहत गरीब परिवार के एक सदस्य को साल में मात्र सौ दिन रोजगार दिए जाने के उद्देश्य सफल हुआ है।

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