रघुवंश कमेटी की बैठक में बना विधानसभा चुनाव लड़ने का ब्लू प्रिंट
पहले संगठन का सशक्तीकरण और तब संघर्ष। संगठन ऐसा जिसमें सभी वर्गो का चेहरा झलके और वह आंदोलन के लिए धारदार हो। राजद केवल ‘माई’ समीकरण से नहीं पहचाना जाये। इसके लिए पंचायत से लेकर...
पहले संगठन का सशक्तीकरण और तब संघर्ष। संगठन ऐसा जिसमें सभी वर्गो का चेहरा झलके और वह आंदोलन के लिए धारदार हो। राजद केवल ‘माई’ समीकरण से नहीं पहचाना जाये। इसके लिए पंचायत से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक के कार्यो की माइक्रो मॉनीटरिंग हो और जहां संभव हो, बिना किसी लाग-लपेट के बदलाव हो। राजद की 21 सदस्यीय ‘रघुवंश कमेटी’ ने ऐसा ही ब्लू प्रिंट बनाकर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को सौंपने का निर्णय किया है।
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के निर्देशानुसार पार्टी के प्रदेश कार्यालय में रघुवंश प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने बिना देर किये शुक्रवार को बैठक की। बैठक में प्रदेश संगठन में आमूल-चूल परिवर्तन की बात कही गई। पसमांदा और कमजोर वर्गों पर फोकस करने की रणनीति बनी। अति पिछड़ों और महादलितों के हिस्सेदारी के अनुसार भागीदारी देने पर सहमति बनी।
रघुवंश कमेटी ने शनिवार को प्रदेश पदाधिकारियों को बैठक कर संगठन की खामियों को चिन्हित करने का निर्देश दिया। गरीबों की कल्याणकारी योजनाओं - इंदिरा आवास, बीपीएल, नरेगा, राशन-किरासन कूपन समेत उनकी रोजमर्रा की अन्य समस्याओं को लेकर सड़क पर उतरने की रणनीति बनी। बैठक की अध्यक्षता सांसद एवं पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने की।
बैठक में प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल बारी सिद्दीकी, शकील अहमद खां, रामदेव भंडारी, एमएए फातमी, जगदानन्द, रामचन्द्र पूव्रे, रामबदन राय, भीम सिंह, रामजी मांझी, गुलाग गौस, हुमायुं अंसारी, शिवचन्द्र राम, रामचन्द्र निषाद, रामवचन राय, पीताम्बर पासवान, आलोक मेहता के साथ ही शक्ति सिंह यादव भी उपस्थित थे। सभी वक्ताओं ने एक स्वर से कहा कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए संगठन को पंचायत स्तर तक पुनर्गठित करने की आवश्यकता है।
लोगों के बीच पार्टी की पैठ फिर से बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की खामियों को प्रमुखता से उठाया जाए और जहां जरूरत हो वहीं पर संघर्ष की रणनीति बने। जिला कमेटी प्रदेश कमेटी को अपने कार्यक्रमों से अवगत कराये और आंदोलन करें। बैठक में कमेटी के सदस्य श्याम रजक, रामकृपाल यादव और कांति सिंह नहीं दिखे।