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अब फेसबुक के उपयोगकर्ता फिसिंग के शिकार

सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक का उपयोग करने वाले करोड़ों लोग इस समय इलेक्ट्रानिक संचार की आपराधिक धोखाधड़ी (फिसिंग) की चपेट में आकर अपने कंप्यूटर, मोबाइल फोन में खराबी का सामना कर चुके है। उनके...

अब फेसबुक के उपयोगकर्ता फिसिंग के शिकार
एजेंसीMon, 25 May 2009 05:25 PM
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सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक का उपयोग करने वाले करोड़ों लोग इस समय इलेक्ट्रानिक संचार की आपराधिक धोखाधड़ी (फिसिंग) की चपेट में आकर अपने कंप्यूटर, मोबाइल फोन में खराबी का सामना कर चुके है। उनके पासवर्ड चोरी किये जा चुके हैं। आप ऐसी किसी स्थिति से बचना चाहते हैं तो डॉट एट या डाट बी से समाप्त होने वाली फाइलों को खोलने से बचे।

फिसिंग कांड जंक ई मेल या स्पैम मेल के जरिये प्रसारित हो रहा है जो फेसबुक उपयोगकर्ताओं के संवेदनशील सूचनाओं को चोरी कर रहा है। गौरतलब है कि स्पैम या अवांछित मेल से बचने के लिए कई वेबसाइटों में फिल्टर लगे होते हैं।


ऑल फेसबुक ब्लाग डाट फेसबुक के अनुसार, जो कोई भी इस कांड को अंजाम दे रहा है वह गत कुछ सप्ताह से बड़ी संख्या में ई मेल पते और पासवर्ड एकत्र कर रहा है।

हमले करने वाले ऐसे ई मेल या अन्य संदेशों की सब्जेक्ट लाइन में हैलो लिखा आ रहा है और उसमें एआरईपीएस डॉट एट या डॉट एट से समाप्त होने वाले यूनिवर्सल रिसोर्स लोकेटर (यूआरएल) को खोलने को कहा जाता है।

सब्जेक्ट लाइन लुक एट दिस और गोल्डबेस डॉट बी, ग्रीनबडडी डॉट बी, सिल्वरटैग डॉट बी, पिकोबैंड डॉट बी को क्लिक करने से वे किसी नुकसान पहुंचाने वाली वेबसाइट की ओर ले जाते है और यहां से चुपके से आंकड़े या सूचना चोरी करने वाला साफ्टवेयर कंप्यूटर में डाउनलोड होकर दाखिल हो जाता है। ऐसे खुफिया साफ्टवेयर को मालवेयर कहते हैं जो एक प्रकार का ड्राइव बाई डाउनलोड एप्लीकेशन है।

कंप्यूटर वायरसों को भी मालवेयर के अंतर्गत रखा जाता है। ऐसे यूआरएल (वेबसाइट) बंद होने से पहले विजिटर को फर्जी फेसबुक पेज पर जाने का निर्देश देते हैं और इस पर जैसे ही दुबारा लॉग इन किया जाता है ये मेल आईडी और पासवर्ड चोरी कर लेते हैं।

ऑल फेसबुक ब्लाग डॉट फेसबुक के अनुसार ऐसे मामलों में पासवर्ड को परिवर्तित कर लिया जाना चाहिए और तुरंत इस संदेश को अपने समुदाय (कम्यूनिटी) में भेजना चाहिए।

फेसबुक प्रवक्ता बैरी शिनिट के अनुसार, इस हमले या पूर्व के हमले का प्रभाव व्यापक नहीं है और उपयोगकर्ताओं का केवल छोटा सा हिस्सा ही प्रभावित हुआ है।

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