खास क्षेत्रों में ‘खास’ फोर्स की तैनाती होगी
बिहार में खास लोकसभा सीटों और क्षेत्रों में खास सुरक्षा बलों की तैनाती की रणनीति बनायी जा रही है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों, अन्य राज्यों और अंतर्राष्ट्रीय सीमा से जुड़े जिलों के लिए अलग-अलग तैयारी चल...
बिहार में खास लोकसभा सीटों और क्षेत्रों में खास सुरक्षा बलों की तैनाती की रणनीति बनायी जा रही है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों, अन्य राज्यों और अंतर्राष्ट्रीय सीमा से जुड़े जिलों के लिए अलग-अलग तैयारी चल रही है। मैदानी और दियारा क्षेत्र के लिए भी अलग-अलग तैयारी है। खासबात यह होगी कि जमीन से लेकर आसमान तक में सुरक्षा घेरा तैयार किया जा रहा है। बिहार में लोकसभा चुनाव में इस बार सीमा सुरक्षा बल( बीएसएफ), सीमा सशस्त्र बल (एसएसबी) और आईटीबीपी को भी लगाया जा रहा है। इसके अलावा सीआरपीएफ भी होगी।ड्ढr ड्ढr पहले चरण में जिन 13 लोकसभा सीटों के लिए मतदान होना हैं उन्हें हार्डकोर नक्सल क्षेत्र माना गया है। दूसर चरण में भी जिन 13 सीटों के लिए चुनाव होना है उनमें से कई नेपाल की अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से जुड़े क्षेत्र हैं। नक्सल प्रभावित और सीमाओं से जुड़े जिलों में बीएसएफ और एसएसबी की तैनाती संभव है। खासबात यह है कि कई क्षेत्र ऐसे हैं जो दियारा के इलाके हैं वहां के लिए भी बीएसएफ उपयुक्त फोर्स मानी जा रही है।ड्ढr ड्ढr दियारा क्षेत्रों में वाहनों के आवागमन में परशानी को देखते हुए घुड़सवार फोर्स की तैनाती की जाएगी। मैदानी इलाकों में सीआरपीएफ और राज्य की एसटीएफ को लगाया जा सकता है। पुलिस मुख्यालय सूत्रों के अनुसार रणनीति यह भी है कि किसी खास जिले या इलाके को एक खास फोर्स के हवाले कर दिया जाए। चुनाव के दौरान सुरक्षा की व्यवस्था कई स्तरों पर होगी। अर्धसैनिक बलों को खासकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बूथों पर और कमजोर वोटरों के इलाकों में लगाया जाएगा। दियारा क्षेत्र के लिए अलग फोर्स होगी। इसके अलावा आसमान में एसटीएफ के ट्रंड जवान सेना के एमआई-8 हेलीकॉप्टर पर तैनात होंगे। उन्हें अत्याधुनिक हथियारों से लैस किया जाएगा। क्षेत्र के हिसाब से संचार तंत्र की अलग व्यवस्था होगी। जिन इलाकों में मोबाइल नेटवर्क या टेलीफोन कनेक्शन की समस्या है वहां अर्धसैनिक बलों के संचार तंत्र का इस्तेमाल होगा। दियारा और बीहड़ इलाकों में सेटेलाइट फोन से नेटवर्क को दुरुस्त रखा जाएगा।