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बिन लादेन का बेटा बनना चाहता है शांति दूत

दुनिया के कुख्यात आतंकी आेसामा बिन लादेन के 26 वर्षीय पुत्र का मानना है कि अल कायदा की आतंककारी गतिविधियों के बजाय दूसरे ढंग से इस्लाम का बचाव किया जा सकता है। उमर आेसामा बिन लादेन ने एक साक्षात्कार...

 बिन लादेन का बेटा बनना चाहता है शांति दूत
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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दुनिया के कुख्यात आतंकी आेसामा बिन लादेन के 26 वर्षीय पुत्र का मानना है कि अल कायदा की आतंककारी गतिविधियों के बजाय दूसरे ढंग से इस्लाम का बचाव किया जा सकता है। उमर आेसामा बिन लादेन ने एक साक्षात्कार में कहा कि इसी कारण वह मुस्लिमों और पश्चिम के बीच ‘शांति दूत’ की भूमिका निभाना चाहता है। बीते साल ब्रिटेन की एक 52 वर्षीया महिला जेन फीलिक्स-ब्राउनी से विवाह किए उमर ने कहा कि उसकी योजना है कि वह अपनी पत्नी के साथ शांति को बढ़ावा देने के लिए कुछ खास काम करे। आेसामा की 1संतानों में चौथे नंबर के उमर ने कहा कि वह शांति के कारणों पर दुनियाभर में ध्यान आकर्षित करना चाहता है और इसके लिए उत्तरी अफ्रीका के 5 हजार किमी क्षेत्र में घुड़दौड़ करना चाहता है। साक्षात्कार में उमर ने कहा कि उसके ये विचार पश्चिमी नजरिए को बदलने के लिए है। लादेन के पुत्र के मुताबिक पश्चिम में बड़ी संख्या में लोगों का मानना है कि अरब और खासकर आेसामा के सभी पुत्र आतंकवादी हैं। उन्होंने कहा कि यह सच नहीं है और उसके घुड़दौड़ करने का विचार इसी को साबित करने के लिए होगा। उमर की पत्नी ने कहा कि उसका ऐसा मानना है कि उसका पति उन लोगों में से एक है, जो दुनिया में शांति लाने में कुछ भूमिकाएं अदा कर सकता है। 2000 के साल में अल कायदा कैम्प में प्रशिक्षण पाए उमर ने कहा कि वह नहीं चाहता कि लड़ाई वाली स्थिति हो और इसके लिए वह दूसरा रास्ता अख्तियार करना चाहता है। लेकिन उमर ने अपने पिता की आलोचना करने से इनकार करते हुए कहा कि वे तो बस इस्लामिक विश्व की रक्षा करने का प्रयास कर रहे हैं।

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