बर्न्स करते रहेंगे एटमी करार पर काम
भारत-अमेरिका परमाणु समझौते के मुख्य वार्ताकार निकोलस बर्न्स अमेरिकी विदेश मंत्रालय की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी छोड़ने के बाद भी इस समझौते को ‘क्रियान्वित’ कराने के लिए काम करते रहेंगे। संभवत: निजी...
भारत-अमेरिका परमाणु समझौते के मुख्य वार्ताकार निकोलस बर्न्स अमेरिकी विदेश मंत्रालय की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी छोड़ने के बाद भी इस समझौते को ‘क्रियान्वित’ कराने के लिए काम करते रहेंगे। संभवत: निजी क्षेत्र में करियर बनाने के उद्देश्य से बर्न्स ने मार्च में विदेश मंत्रालय छोड़ने का फैसला किया है। पारिवारिक कारणों से बर्न्स के इस्तीफे की घोषणा करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलीजा राइस ने शुक्रवार को कहा कि तीसरे स्तर के शीर्ष राजनयिक बर्न्स अपने ‘अवकाश प्राप्त करने’ के बाद भी समझौते के लिए काम करते रहेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने निक से अवकाश प्राप्त करने के बाद भी कुछ समय भारत से संबंधित फाइल पर देने को कहा है, विशेषकर इसलिए क्योंकि हम अमेरिकी नागरिक परमाणु समझौते को (अगर संभव हुआ तो) निर्णायक परिणति देना चाहते हैं और निक ने इस काम को जारी रखने की सहमति दे दी है और धन्यवाद किया है।’’ करीब 51 वर्षीय बर्न्स ने भी वादा किया, ‘‘भारत के साथ रणनीतिक संबंधों को पूरा किया जाएगा, जो हमारे देश और हमारे वैश्विक विदेश नीति के लिए काफी अच्छा होगा।’’ बाद में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सीन मैकॉर्मेक ने कहा कि बर्न्स की नई भूमिका के लिए कोई समय सीमा तय नहीं किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आशा कर सकता हूं कि वह मंत्रालय की जरुरत के हिसाब से अपनी सेवा मुहैया कराते रहेंगे।’’