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Hindi News दिन में काम होने से राजधानी के यातायात पर लगा ग्रहण

दिन में काम होने से राजधानी के यातायात पर लगा ग्रहण

राजधानी के यातायात पर जाम का ‘ग्रहण’ लगा हुआ है। पहले से ही अवैध पा*++++++++++++++++++++++++++++र्*ंग और अतिक्रमण से आजिज सड़कों पर शुरू हुए निर्माण कार्य ने ट्रैफिक का कबाड़ा निकाल दिया है। कहीं...

 दिन में काम होने से राजधानी के यातायात पर लगा ग्रहण
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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राजधानी के यातायात पर जाम का ‘ग्रहण’ लगा हुआ है। पहले से ही अवैध पा*++++++++++++++++++++++++++++र्*ंग और अतिक्रमण से आजिज सड़कों पर शुरू हुए निर्माण कार्य ने ट्रैफिक का कबाड़ा निकाल दिया है। कहीं सड़कों का चौड़ीकरण तो कहीं ओवरब्रिज निर्माण। कुल मिलाकर नतीजा सड़क जाम। सड़क पर कीचड़। बिखड़े पड़े पत्थर-गिट्टी और बालुओं के ढेर। कहीं ऊंची सड़क तो कहीं गड्ढ़े में सड़क। मोटरसाइकिल गिरेगी या साइकिल, कहना मुश्किल। अगर सही-सलामत निकल गये तो खैर समझिये। बात कंकड़बाग कॉलोनी मोड़, चिरैयाटांड़ पुल की करें या एक्जीबिशन रोड-जीपीओ गोलंबर की। दर्द एक जगह हो तो कुछ कहा जाये। यहां तो पोर-पोर में दर्द का आलम है। शहर की एक दर्जन से अधिक प्रमुख सड़कों पर दिन में भी चल रहे विकास की गति ने वाहनों के पहियों की रफ्तार पर अंकुश लगा रखी है।ड्ढr ड्ढr एक्जीबिशन रोड, बुद्ध मार्ग, जीपीओ गोलंबर, वीरचंद पटेल पथ, कंकड़बाग कॉलोनी मोड़, पोस्टल पार्क मोड़, चिरैयाटांड़ पुल, कंकड़बाग छोर, मीठापुर (गया लाइन गुमटी और करबिगहिया के बीच), अनीसाबाद, सचिवालय मोड़, गर्दनीबाग समेत शहर के कई अन्य इलाकों में सड़कों का चौड़ीकरण या ऊपरी पुल का निर्माण कार्य जारी है। निर्माण स्थलों के समीप लंबी दूरी तक सड़कों की चौड़ाई सिकुड़ कर आधी हो गई है। कई जगहों पर रास्ते को ही बदल दिया गया है। खुदाई और मिट्टी-पत्थर भराई कार्य चलने के कारण वाहनों के अलावा पैदल राहगीरों का आना-जाना भी मुश्किल है।ड्ढr ड्ढr अनीसाबाद इलाके में एक ही बार सड़क, नाला व अन्य निर्माण कार्य शुरू होने से कई जगहों पर लिंक व शाखा सड़कों पर आवगमन बाधित हो गया है। स्थानीय लोगों के मुताबिक एक ही जगह पर पहला निर्माण कार्य खत्म भी नहीं होता है तब तक दूसरा शुरू हो जाता है। वहीं सबसे अधिक जीपीओ गोलंबर, कॉलोनी मोड़, मीठापुर समेत कई जगहों पर लंबे समय से जारी निर्माण कार्य के कारण यातायात की दशा और दिशा ही बदल गई है। हालात को देखते हुए हजारों लोगों ने वैकल्पिक रास्तों की मौजूदगी में इन सड़कों पर चलना ही छोड़ दिया है जिससे दूसरे रास्तों पर भी यातायात का दबाव बढ़ रहा है। नतीजतन जाम की समस्या लगातार गंभीर बनती जा रही है।

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