फोटो गैलरी

Hindi News भुखमरी के लिए सरकारी मशीनरी दोषी

भुखमरी के लिए सरकारी मशीनरी दोषी

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी बुन्देलखण्ड में भुखमरी के हालात के लिए सरकारी मशीनरी को दोषी करार दिया। आयोग का मानना है कि मशीनरी के भ्रष्ट और लापरवाह रवैए के चलते कल्याणकारी और विकास योजनाओं का लाभ...

 भुखमरी के लिए सरकारी मशीनरी दोषी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
ऐप पर पढ़ें

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी बुन्देलखण्ड में भुखमरी के हालात के लिए सरकारी मशीनरी को दोषी करार दिया। आयोग का मानना है कि मशीनरी के भ्रष्ट और लापरवाह रवैए के चलते कल्याणकारी और विकास योजनाओं का लाभ गरीबों को नहीं मिला।ड्ढr राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भयावह सूखे से त्रस्त बुन्देलखण्ड में किसानों और गरीबों की भुखमरी के मामलों की पड़ताल के लिए अपना जाँच दल बीते वर्ष क्षेत्र में भेजा था। जाँच दल को वर्ष 2003 से 2005 के दौरान गरीबों और किसानों की मौतों को लेकर लगातार मिली भुखमरी की शिकायतों की सच्चाई जाननी थी। दल ने बीते अगस्त और सितम्बर में बुन्देलखण्ड के सभी जिलों बांदा, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर, जालौन, ललितपुर और झाँसी का दौरा कर पड़ताल की। जाँच दल ने अपनी रिपोर्ट हाल में आयोग के अध्यक्ष सौंप दी है। आयोग के उच्चपदस्थ सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट में भुखमरी की घटनाओं की पुष्टि जाँच कार्य देर से शुरू किए जाने की वजह से नहीं हो सकी है। पर यह कहा गया है कि वहाँ भुखमरी के हालात थे और अगर सरकार ने स्थितियों को नहीं सम्भाला तो हालात और बिगड़ते जाएँगे। पूरा इलाका सूखे और अकाल की उस तबाही से वर्षो तक उबर नहीं पाएगा।ड्ढr जाँच दल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सूखे की समस्या के स्थाई हल के उपाय किए जाने चाहिए। बीपीएल, अन्नपूर्णा और अंत्योदय जैसी कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जाना चाहिए। साथ ही राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना तथा अन्य विकास योजनाओं को भी पूरी ईमानदारी से लागू किया जाए। यह भी कहा गया है कि सरकारी मशीनरी के रवैए के चलते केन्द्र और राज्य की सरकारों द्वारा शुरू की गई हजारों करोड़ की विकास योजनाओं का लाभ बुन्दलेखण्ड की जनता को नहीं मिल सका।ड्ढr रिपोर्ट में बुन्देलखण्ड क्षेत्र में आदमी और जानवर दोनों के लिए पीने के पानी के संकट को दुर्भाग्यपूर्ण बताया गया है।जाँच दल में शामिल एक उच्चाधिकारी ने ‘हिन्दुस्तान’ से कहा कि ‘क्षेत्र में तैनात सरकारी मशीनरी के जिम्मेदारों का रवैया भुखमरी के मामलों की जाँच में आयोग की मदद के बजाए असहयोग का था।’ं

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें