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सिंचाई परियोजना के विस्थापितों का होगा पुनर्वास

सिंचाई परियोजनाओं के कारण विस्थापित होने वालों का पुनर्वास होगा। जमीन देने वालों को अब अधिक राशि का भुगतान किये जाने के साथ ही किसी अन्य स्थान पर मकान बनाने के लिए नि:शुल्क जमीन दी जायेगी। अस्थाई...

 सिंचाई परियोजना के विस्थापितों का होगा पुनर्वास
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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सिंचाई परियोजनाओं के कारण विस्थापित होने वालों का पुनर्वास होगा। जमीन देने वालों को अब अधिक राशि का भुगतान किये जाने के साथ ही किसी अन्य स्थान पर मकान बनाने के लिए नि:शुल्क जमीन दी जायेगी। अस्थाई आवास बनाने और सामान की ढुलाई के लिए भी अलग से राशि मिलेगी। बांध परियोजनाओं के लिए जमीन के सामान्य अधिग्रहण और स्वेच्छा से भूमि दान देने वालों को अधिक राशि के भुगतान के संबंध में जल संसाधन विभाग विशेष योजना तैयार कर रहा है। इसपर जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी ली जायेगी।ड्ढr ड्ढr गौरतलब है कि बागमती नदी पर लगभग 100 किलोमीटर जबकि महानंदा पर करीब 1200 किलोमीटर नये तटबंधों का निर्माण हो रहा है। सूत्रों के अनुसार स्वेच्छा से भूमि देने वालों को भूमि की कीमत का 60 प्रतिशत सोलेशियम मिलेगा लेकिन भूमि का सरकार द्वारा अधिग्रहण किया जायेगा तो जमीन मालिक को उसकी कीमत की 30 प्रतिशत राशि सोलेशियम के रूप में मिलेगी। मतलब अगर भूमि की कीमत प्रति एकड़ एक लाख रुपये है तो स्वेच्छा से भूमि देने के मामले में जमीन मालिक को प्रति एकड़ 2.40 लाख रुपये का भुगतान होगा। वहीं सामान्य प्रक्रिया के तहत अधिग्रहण होने पर जमीन मालिक को एक लाख रुपये प्रति एकड़ की बजाय अब 1.लाख रुपये मिलेंगे। आवासीय भूमि अधिगृहीत होने पर जमीन मालिक को मूल्य के साथ ही मकान बनाने के लिए अन्य स्थान पर अधिकतम 5 डिसमिल जमीन दी जायेगी। इसके अलावा उसे अस्थाई आवास के लिए दस हजार रुपये और सामान ढोने के लिए पांच हजार रुपये भी मिलेंगे।

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