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लुढ़कन कैसी-कैसी

लुढ़कना है तो सामान्य-सी घटना पर यह प्रभाव विशेष छोड़ती है। सर्दी आते ही पारा लुढ़कने लगता है और लोगों की कुल्फी जमा देता है। उसके सम्मान में नाक सूॅ सूॅ करके बीन बजाने लगती है। वहीं गला भी सर्दी के...

 लुढ़कन कैसी-कैसी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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लुढ़कना है तो सामान्य-सी घटना पर यह प्रभाव विशेष छोड़ती है। सर्दी आते ही पारा लुढ़कने लगता है और लोगों की कुल्फी जमा देता है। उसके सम्मान में नाक सूॅ सूॅ करके बीन बजाने लगती है। वहीं गला भी सर्दी के सम्मान में बैठ जाता है। सिर पर मंकी कैप और गले में गुलुबंद डाल कर जाड़े को सेल्यूट दिया जाता है। बचपन से ही हम सुनते आए है कि रुपया डॉलर के मुकाबले लुढ़क गया। आजकल इसके उलट डॉलर के लुढ़कने की खबर सुनकर कलेजा ठंडा हो जाता है। डॉलर के लुढ़कने के दूरगामी परिणाम देखे जाते है। हाल ही में शेयर बाजार का सूचकांक तेज गति से लुढ़कने लगा और दन्न से आसमान से सीधा जमीन पर उतर कर धरती चीर कर अंदर जा घुसा। उसे लुढ़कता देखकर निवेशकों का रक्त-दबाव (ब्लड-प्रेशर) दुगनी तेजी से लुढ़क गया। लुढ़कन की गम्भीरता देखते हुए वित्तमंत्री और प्रधानमंत्री को हाथ से सहारा देना पड़ा। स्कूल के दिनो में गणित के गुरुजी कठिन प्रश्न या अध्याय के पहले ही कह देते थे कि यह एकदम सरल है। यह सुनकर कक्षा के अधिकांश बच्चे समझ जाते थे कि प्रश्न बहुत कठिन है। प्रधानमंत्री यह कहते हैं कि लुढ़कन से निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है, अधिकांश निवेशक और भी ज्यादा घबरा गए। जब इतना बड़ा आदमी कह रहा है तो चिन्ता भी बड़ी ही होगी। खर कुछ ही दिनों में सेंसेक्स फटाफट ऐसे ही सुधर गया, जैसे कुछ हिन्दी फिल्मों का विलेन फिल्म के दि एंड में सुधर जाता है। नेताआें के चरित्र में जाने कैसा केमिकल लोचा होता है कि वह थाली के बैगंन जैसे जिधर चाहो उधर बड़ी आसानी से लुढ़क जाते है। खास तौर पर चुनाव के पहले और चुनाव के बाद इस तरह की बरसाती मेंढक टाइप की घटनाएं ज्यादा होती है। त्रिशंकु सरकार बनने की स्थिति लुढ़कन क्रि या में विशेष मददगार साबित हुई है। कई नेता तो इतनी बार लुढ़क चुके होते हैं कि वह अपनी मूल स्थिति भी भूल चुके होते हैं। बॉलीवुड फिल्मों के लिए बॉक्स आफिस का रास्ता भी फिसलन भरा है। वहाँ अच्छी से अच्छी फिल्में लुढ़क जाती हैं। आदमी का शरीर भी मशीन ही तो है। इसलिए कई बार सुनने में आता है कि जनाब कल तक तो भले-चंगे थे आफिस भी आए थे फिर जाने कैसे रात में चुपचाप खटिया पर लुढ़क गए। अगले दिन उनके नाते रिश्तेदार रो रोक र लुढ़कने का अभ्यास करते दिखाई देते हैं।

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