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250 प्रोजेक्ट स्कूलों में बहाल होंगे शिक्षक

इस बार राज्य के 250 प्रोजेक्ट स्कूलों में भी होगी शिक्षकों की बहाली। यह निर्णय शुक्रवार को अलग से बुलाई गई जिलों के डीईओ की बैठक मंे लिया गया। इसके लिए सभी डीईओ से इन विद्यालयों की रिक्तयों की...

 250 प्रोजेक्ट स्कूलों में बहाल होंगे शिक्षक
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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इस बार राज्य के 250 प्रोजेक्ट स्कूलों में भी होगी शिक्षकों की बहाली। यह निर्णय शुक्रवार को अलग से बुलाई गई जिलों के डीईओ की बैठक मंे लिया गया। इसके लिए सभी डीईओ से इन विद्यालयों की रिक्तयों की जानकारी मांगी गई है। बैठक में दूसरे चरण में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक बहाली से पहले की प्रक्रियाओं की समीक्षा की गई। साथ ही इसमें अभ्यर्थियों के आवेदन लेने की तिथि 3 मार्च से शुरू करने पर भी विचार हुआ। तय हुआ कि जरूरत पड़ी तो बहाली प्रक्रिया के आगे के कार्यक्रमों में कुछ फेर-बदल भी किए जाएंगे। मानव संसाधन विकास विभाग इस मुद्दे पर शनिवार को ठोस निर्णय लेगा।ड्ढr ड्ढr जानकारी के मुताबिक मार्च में मैट्रिक, मध्यमा और इंटरमीडिएट तीनों की परीक्षाओं के मद्देनजर विभाग परीक्षाफल के आधार पर पैनल एवं नियुक्ित पत्र जारी करने के लिए जिन तिथियों पर विचार कर रहा है उनमें कुछ फेरबदल संभव है। एक अधिकारी के मुताबिक माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर के शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया प्राथमिक स्तर के शिक्षकों की बहाली से कुछ भिन्न होगी। इसके लिए विभाग कार्यक्रम तय करने में लगा है। इसके साथ ही 618 जमा दो विद्यालयों में भी शिक्षकों की नियुक्ित करने और इंटरस्तर के इनके अलावा और स्कूल खोलनेपर भी विमर्श किया गया। बैठक में ग्रामीण आधारभूत संरचना कार्यक्रम के तहत स्कूलों में कमरों के निर्माण की प्रगति की भी समीक्षा की गई। इसमें किशनगंज, खगड़िया और शेखपुरा जिले की प्रगति काफी असंतोषजनक पाई गई। वहीं भागलपुर और बांका की स्थिति ठीक पाई गई। बैठक में प्रधान सचिव के अलावा निदेशक माध्यमिक कमलेश्वर प्रसाद सिंह, उप निदेशक अजीत कुमार, शिवनाथ प्रसाद, एजाज शोएब हाशमी और अरुण सिन्हा भी मौजूद थे। पहले चरण में बहाल शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की होगी जांचड्ढr पटना (हि.ब्यू.)। सरकार पहले चरण में बहाल हुए शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच करेगी। जो भी शिक्षक फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्त हुए पाए जाएंगे, न सिर्फ उनकी नियुक्ित रद्द कर दी जाएगी बल्कि उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के साथ ही अन्य कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। यह निर्णय शुक्रवार को प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई सभी जिलों के डीएसई और आरडीडीई की बैठक में लिया गया। साथ ही यह भी तय किया गया कि दूसरे चरण की शिक्षक बहाली के लिए मानव संसाधन विकास विभाग कुछ इस तरह की रणनीति बनाए जिससे पूर्व की बहाली की गड़बड़ियां दुहराई नहीं जा सकें। इसका मकसद यह है कि फर्जी नियोजन की वजह से वास्तविक अभ्यर्थियों को इसका खामियाजा भुगतना न पड़े। बैठक में निदेशक प्राथमिक अशोक कुमार सिंह और उप निदेशक आरएस सिंह भी मौजूद थे।ड्ढr ड्ढr दिन भर चली बैठक में मानव संसाधन विकास विभाग की तरफ से सभी डीएसई को यह टास्क दिया गया कि पहले चरण में बहाल हुए 1.24 लाख शिक्षकों द्वारा पेश किए गए प्रमाण पत्रों का सत्यापन जिलों के शिक्षा अधिकारी प्राथमिकता के आधार पर राज्य की लगभग 000 नियोजन इकाइयों से कराएं। मालूम हो कि पहले चरण में फर्जी शिक्षकों की बहाली की शिकायत को लेकर कुछ ट्रेंड शिक्षक अदालत में चले गए हैं। इनका दावा है कि लगभग 30 फीसदी बहाली फर्जी तरीके से हुई है। विभाग के अधिकारियों का भी मानना है कि कई जगहों पर जाली प्रमाण पत्र के आधार पर नियोजन हुआ है। इसके मद्देनजर न सिर्फ डीएसई बल्कि बीईओ और जिलों में तैनात अन्य शिक्षा पदाधिकारियों को हिदायत दी गई है कि वे नियोजन इकाइयों से यह सुनिश्चित कराएं कि उनके द्वारा प्रमाण पत्रों की जांच की जा रही है। सभी डीएसई को इस बाबत पूरी सूचना जिलावार अगली बैठक में पेश करने की ताकीद की गई है।

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