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Hindi News हमारे नैनों मंे तो यही बसी है..

हमारे नैनों मंे तो यही बसी है..

उसकी चाल और ढाल के लोग दीवाने हैं। जब भी वह सड़क से गुजरती है, तो बरबस निगाहें उसकी आेर उठ जाती हैं। यह है सड़कों की रानी और बंदूक की गोली की तरह चलने वाला बुलेट। जानकारों के मुताबिक जो खूबियां इस...

 हमारे नैनों मंे तो यही बसी है..
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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उसकी चाल और ढाल के लोग दीवाने हैं। जब भी वह सड़क से गुजरती है, तो बरबस निगाहें उसकी आेर उठ जाती हैं। यह है सड़कों की रानी और बंदूक की गोली की तरह चलने वाला बुलेट। जानकारों के मुताबिक जो खूबियां इस गाड़ी में है, वो किसी और में नहीं। दिल्ली या अन्य शहरों में आज भी कई बुलेट प्रेमी हैं, जिनके पास वषरे पुरानी बुलेट नई नवेली दुल्हन की तरह सजी हुई है। उनकी नजर में तो यही नैनो, मर्सीडीज और अरबी घोड़ा है। 31 सालों से बुलेट चला रहे पंकज चौधरी के पास सन 1और 77 मॉडल की बुलेट है। उन्होंने बताया कि हमारे लिए यही मर्सीडीज कार है। इस पर बैठने वाला हमेशा जवान लगता है। उन्होंने बताया कि 1तक बुलेट इंडिया इंग्लैंड से आती थी। इसके बाद 10 में यह गाड़ी चेन्नई में बनना शुरू हुई। इस गाड़ी को चलाने में रुतबा और आराम महसूस होता है। भले ही कितनी नई बाइकें आ गई पर मैंने बुलेट नहीं बेचा। हरीश वर्मा ने बताया कि इसका रखरखाव बहुत है पर जब यह चलती है तो लगता है कि रखरखाव में लगा समय व्यर्थ नहीं गया। जो मजा इस गाड़ी मैं है, वह नैनो कार या कोई और गाड़ी में कहां मिलेगा। वे 80 हजार किमी की दूरी बुलेट से तय कर चुके हैं। 55 वर्षीय पुनीत अरोड़ा ने बताया कि इस गाड़ी की टेक्नोलॉजी बहुत बढ़िया है। इसके कुछ फीचर्स तो सिर्फ इसी में है। वे अपनी 1मॉडल भी बुलेट से नेपाल तक की यात्रा कर चुके हैं और रास्ते में कहीं गड़बड़ी नहीं हुई। उन्हांेने बताया कि नैनो कार या अन्य कोई भी चार पहिया आने के बाद भी बुलेट प्रेमियों में इसका क्रेज और लगाव कम नहीं होगा। इसके स्ट्रोक्स, स्ट्रांग बॉडी तथा इसे चलाने में मिलने वाला आराम किसी और में नहीं है। दिखने में यह भारी है लेकिन चलाने पर हल्की महसूस होती है।ड्ढr ं

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