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अंधता निवारण के नाम पर हो रहा धंधा

मोतियाबिंद ऑपरेशन के नाम पर राज्य में वषरे से गोरखधंधा चल रहा था। निजी संगठन और चिकित्साधिकारी मिलकर माल काट रहे थे। कागजों में कहीं मृतकों का तो कहीं एक ही व्यक्ित का दो बार ऑपरेशन कर दिया गया।...

 अंधता निवारण के नाम पर हो रहा धंधा
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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मोतियाबिंद ऑपरेशन के नाम पर राज्य में वषरे से गोरखधंधा चल रहा था। निजी संगठन और चिकित्साधिकारी मिलकर माल काट रहे थे। कागजों में कहीं मृतकों का तो कहीं एक ही व्यक्ित का दो बार ऑपरेशन कर दिया गया। बाराबंकी की घटना के बाद प्रशासन जागा है। प्रारम्भिक जाँच में ही पाँच जिलों में गड़बड़ी पकड़ में आ गई है। प्रशासन ने सभी सीएमआे से मोतियाबिंद ऑपरेशनों की हकीकत परखने को कहा है।ड्ढr स्वास्थ्य विभाग में केवल एक वर्ष के अंदर ही अंधता निवारण के नाम पर करोड़ों डकार लिए गए। सरकार जागी तो घोटाले की परत खुलने लगी। अंधता निवारण कार्यक्रम में निजी संस्थाआें की सीधी भूमिका है। निजी संस्थाएँ दो तरह से काम करती हैं। मोतियाबिंद के मरीजों की पहचान और उन्हें अस्पताल तक लाने वाली संस्थाआें को प्रति मरीज 175 रुपए दिए जाते हैं। दूसरी संस्थाएँ वह हैं जो मोतियाबिंद के ऑपरेशन अपने यहाँ कराती हैं। इस दौरान ऑपरेशन थिएटर व अन्य सुविधाआें की जाँच के लिए हर जिले में स्वास्थ्य विभाग की समितियाँ गठित हैं। जाँच बाद संस्थाआें को ऑपरेशन की मंजूरी मिलती है जिसका खर्च उन्हें खुद उठाना होता है। स्वास्थ्य विभाग प्रति मरीज के हिसाब से संस्था को 750 रुपए देता है। राज्य में ऐसे ऑपरेशन कराने वाली संस्थाआें की भरमार है। घोटाले की परत में ऐसी ही संस्थाएँ हैं। एक शिविर में ऑपरेशन हुए 20 या 30 लेकिन कागजों में यह संख्या दो गुना या तीन गुना बढ़ा दी गई। इसी आधार पर संस्थाआें को भुगतान किया गया। गड़बड़ी रोकने के लिए जिला स्तर पर गठित कमेटियों की भी इसमें मिलीभगत रहती है। इसका अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि टीकाकरण या पोलियो में फिसड्डी रहने वाला स्वास्थ्य विभाग मोतियाबिंद के ऑपरेशन में लक्ष्य से ऊपर पहुँच जाता है। वर्ष 2007 में पाँच लाख से अधिक मोतियाबिंद ऑपरेशन राज्य में कर दिए गए जो कि लक्ष्य से 20 प्रतिशत अधिक था। कई जिलों में तो मोतियाबिंद ऑपरेशन में की गई गड़बड़ियों की शिकायत मुख्यमंत्री के यहाँ तक की गई हैं। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. एलबी प्रसाद मानते हैं कि अंधता निवारण अभियान में गड़बड़ी हुई है। महानिदेशक ने कहा कि औरेया, जालौन, इटावा व कन्नौज आदि में गड़बड़ी पकड़ में आ गई है। कई जगह मृतकों के ऑपरेशन भी किए जाने की बात सामने आ रही है। डॉ. प्रसाद का कहना है कि सभी जिले के सीएमआे को ऑपरेशन की सत्यता परखने के लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जाँच के लिए कुछ विशेष टीमों के गठन पर भी विचार चल रहा है।ड्ढr ं

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