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बढ़ सकते हैं पेट्रोल, डीजल के दाम

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री मुरली देवड़ा ने बुधवार को कहा कि गुरुवार को होने वाली केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में पेट्रोल, डीजल के दाम बढ़ाने पर कोई फैसला हो सकता है। देवड़ा राष्ट्रीय गैस...

 बढ़ सकते हैं पेट्रोल, डीजल के दाम
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री मुरली देवड़ा ने बुधवार को कहा कि गुरुवार को होने वाली केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में पेट्रोल, डीजल के दाम बढ़ाने पर कोई फैसला हो सकता है। देवड़ा राष्ट्रीय गैस हाइड्रेट कार्यक्रम के तहत आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करने के बाद संवाददाताआें से बात कर रहे थे। पेट्रोल, डीजल के दाम बढ़ाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा गुरुवार को मंत्रिमंडल की बैठक है, देखिए क्या होता है। हालांकि मौके पर ही मौजूद पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस सचिव एमएस श्रीनिवासन ने जो संकेत दिए वह कुछ और ही कहानी बता रहे थे। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने अभी केबिनेट नोट नहीं भेजा है। इस लिहाज से इस बैठक में कोई फैसला हो पाएगा इस पर संदेह उठता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर तक पहुंचने के बाद इन दिनों 87-88 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहे हैं। विश्व बाजार में आई तेजी को देखते हुए घरेलू बाजार में भी पेट्रोल, डीजल के दाम बढ़ाने पर पिछले चार महीने से माथापच्ची चल रही है। विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता में एक मंत्री समूह भी गठित किया गया। उसकी भी दो बैठकें हो चुकी। अब कहा जा रहा है कि अंतिम निर्णय मंत्रिमंडल की बैठक में ही लिया जाएगा। माना जा रहा है कि पेट्रोल में दो रुपये और डीजल में एक रुपये लीटर की वृद्धि होगी। देवड़ा ने इससे पहले गैस हाइड्रेट पर हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय द्वारा आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि देश में कृष्णा गोदावरी क्षेत्र में दुनियाभर में बेहतरीन गैस हाइड्रेट के भंडारों का पता चला है। उन्होंने इसपर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि देश की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को देखते हुए इनकी आपूर्ति की भी उचित व्यवस्था जरूरी है। देवड़ा ने कहा कि ऊर्जा की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए जहां एक तरफ देश और देश से बाहर तेल की खोज और तेल संपत्तियों में भागीदारी हासिल की जा रही है वहीं दूसरी तरफ ईंधन और ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों को भी विकसित किया जा रहा है। इनमें कोल बैड मीथेन, गैस हाइड्रेट, एथनाल और बायो डीजल जैसे स्रोतों को विकसित करना प्रमुख है। इसके अलावा समुद्र की गहराई में बर्फ के रूप में जमे हाइड्रोकार्बन की खोज के लिए नया राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम में आेएनजीसी, गेल और ऑयल इंडिया अहम भूमिका निभा रही है। देवड़ा ने कहा कि अमेरिका, जापान के बाद भारत दुनिया का तीसरा देश है जो गैस हाइड्रेट के क्षेत्र में काम कर रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस दिशा में जल्द ही सफलता मिल जाएगी। हाइड्रोकार्बन महानिदेशक वीके सिब्बल ने बताया कि महानदी और कृष्णा गोदावरी बेसिन के पूर्वी समुद्री क्षेत्र में गैस हाइड्रेट के भंडारों का पता चला है। उन्होंने बताया कि बर्फ के रूप में जमी इस गैस को बाहर निकालने पर इसकी मात्रा काफी बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि अब तक करीब 20 स्थानों पर खुदाई की गई जिसमें से 11 स्थानों पर गैस हाइड्रेट का पता चला है। इस काम में अमेरिका तकनीकी अनुभव उपलब्ध करा रहा है जबकि आेएनजीसी इसमें धन की मदद कर रहा है। सिब्बल के मुताबिक मोटे अनुमान के तौर पर देश में करीब 20000 खरब घनफुट गैस हाइड्रेट के भंडार हैं। आेएनजीसी अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आरएस शर्मा भी इस मौके पर मौजूद थे।

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