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कांग्रेस विधानमण्डल दल के नेता का चुनाव आज

ांग्रेस विधानमण्डल दल के नेता पद का चुनाव शुक्रवार को होगा। पार्टी नेतृत्व की ओर से इस चुनाव में महासचिव व राज्य मामलों के प्रभारी दिग्विजय सिंह और पर्यवेक्षक जे. पी. अग्रवाल विधान मण्डल दल की बैठक...

 कांग्रेस विधानमण्डल दल के नेता का चुनाव आज
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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ांग्रेस विधानमण्डल दल के नेता पद का चुनाव शुक्रवार को होगा। पार्टी नेतृत्व की ओर से इस चुनाव में महासचिव व राज्य मामलों के प्रभारी दिग्विजय सिंह और पर्यवेक्षक जे. पी. अग्रवाल विधान मण्डल दल की बैठक में मौजूद रहेंगे।ड्ढr कांग्रेस विधान मण्डल दल की बैठक शुक्रवार को अपरान्ह 4 बजे विधान भवन में होगी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक विधान मण्डल दल के नेता पद पर श्री प्रमोद तिवारी के ही विधिवत चुने जाने की सम्भावना है। पर चुनाव कराने आ रहे दोनों नेताओं द्वारा सभी सदस्यों से पहले अलग-अलग बात किए जाने के कार्यक्रम से नेता पद के चुनाव को लेकर एक बार फिर कयासबाजी तेज हो गई है। इमारतों की ऊँचाई बढ़ाने के प्रस्ताव पर सुधार करने के निर्देशड्ढr राज्य मुख्यालय (वसं)। शहरों के मुख्य इलाकों की बहुमंजिली इमारतों का एफएआर बढ़ाने के सम्बन्ध में आवास मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कुछ और बदलाव करने के निर्देश दिए हैं। अगली बैठक 15 फरवरी के बाद बुलाने के लिए कहा गया है। श्री सिद्दीकी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई बैठक में बहुमंजिली इमारतों को और ऊँची बिल्डिंग बनाने के बारे में कानून में संशोधन की जरूरत महसूस की गई। अधिकारियों ने बताया कि शहर के मुख्य इलाकों में लोग ज्यादा रहना और वाणिज्यिक प्रयोग करना चाहते हैं। चूँकि पुरानी आवास नीति में बहुमंजिली इमारतें ज्यादा उँचाई तक ले जाने की अनुमति नहीं है। आवास मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक मंे आवास विभाग के प्रमुख सचिव शंकर अग्रवाल, विशेष सचिव आरके सिंह, मुख्य ग्राम एवं नगर नियोजक और सम्बन्धित अधिकारियों ने अपनी-अपनी राय दी। चुनाव आयोग ने रालोद की मान्यता रद कीड्ढr राज्य मुख्यालय (प्रसं)। चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश में राज्यीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय लोकदल की मान्यता रद कर दी है। इसके साथ ही रालोद के चुनाव निशान ‘हैंडपम्प’ पर से उसका अधिकार खत्म हो गया है। अब यह चुनाव निशान आरक्षित नहीं रहेगा। इस घटनाक्रम से चौधरी अजित सिंह की राजनीतिक ताकत पर खासा असर पड़ने की उम्मीद है क्योंकि अब उनके उम्मीदवारों को अन्य 800 राजनीतिक दलों की तरह पंजीकृत पार्टी के उम्मीदवार की तरह चुनाव लड़ना पड़ेगा। गत विधानसभा व लोकसभा चुनाव में रालोद को मिले मतों में भारी कमी मुख्यत: उसकी मान्यता में बाधक बने। राज्यीय दल की मान्यता मिलने से किसी भी राजनीतिक दल को सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि उसका चुनाव निशान उसके लिए आरक्षित कर दिया जाता है।ड्ढr ड्ढr

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