ग्राम उत्थान योजना बदलेगी तस्वीर
ग्राम उत्थान योजना के जरिए प्रमंडल के गांवों की दिशा और दशा को बदलने का प्रयास शुरू हो गया है। भागलपुर जिले के सन्हौला प्रखंड से इस योजना की शुरुआत 13 फरवरी को होगी। पहले चरण में भागलपुर और बांका के...
ग्राम उत्थान योजना के जरिए प्रमंडल के गांवों की दिशा और दशा को बदलने का प्रयास शुरू हो गया है। भागलपुर जिले के सन्हौला प्रखंड से इस योजना की शुरुआत 13 फरवरी को होगी। पहले चरण में भागलपुर और बांका के पांच-पांच गांवों के समग्र विकास की योजना राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने बनाई है। बांका के कटोरिया प्रखंड के पांच गांवों का चयन किया गया है। अगले तीन वर्षो में 50 से अधिक गांवों के पूर्ण विकास की योजना बनी है।ड्ढr ड्ढr ग्राम उत्थान योजना (यूजीआई) के तहत न सिर्फ गांवों का विकास होना है बल्कि सामाजिक-आर्थिक, आधारभूत संरचनाओं एवं मानवीय पहलुओं का भी विकास किया जाना है। पहले चरण में सन्हौला प्रखंड के सकरामा, रमाशी, भूड़िया, माधोपुर और महेशपुर का चयन किया गया है। जबकि बांका जिले के कटोरिया प्रखंड के मनिया, दोमसरी, तरगच्छा, रामपुर और बसमता गांव चयनित हुए हैं। योजना के तहत इन गांवों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान में जनसहभागिता जरूरी है। जागरूकता अभियान के बाद गांवों की आवश्यकताओं का विश्लेषण होगा और उसके बाद कार्ययोजना बनाई जाएगी। यानी विकास में ऊपर से कुछ नहीं थोपा जाएगा। गांव और ग्रमीणों के आवश्यकतानुसार विकास की योजना बनेगी। योजना के तहत चयनित गांवों के हर घर का सर्वे होगा और जरूरतों का पता लगाया जाएगा। लोगों को शिक्षित बनाने से लेकर रोजगार तक के साधन उपलब्ध कराने की योजना है। कार्यो की मोनीटरिंग के लिए एक ग्राम विकास समिति भी बनेगी। अगले तीन वर्षो में दोनों जिले के 50 से अधिक गांवों में यह योजना चलेगी। भागलपुर जिले के सभी चयनित गांव सन्हौला और बांका जिले कटोरिया प्रखंड से होंगे। नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक नवीन राय के अनुसार सन्हौला के चयनित गांवों के विकास के लिए अभी लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है।ं