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सूबे के सैनिक स्कूलों में पढ़ाई का खर्च दूसरे राज्यों से कम

बिहार के सैनिक स्कूलों में पढ़ाई का खर्च किसी भी अन्य राज्य में संचालित सैनिक स्कूल से कम है। इसका कारण है कि बिहार सरकार यहां के सैनिक स्कूलों के छात्रों को सबसे अधिक छात्रवृत्ति देती है। सेना में...

 सूबे के सैनिक स्कूलों में पढ़ाई का खर्च दूसरे राज्यों से कम
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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बिहार के सैनिक स्कूलों में पढ़ाई का खर्च किसी भी अन्य राज्य में संचालित सैनिक स्कूल से कम है। इसका कारण है कि बिहार सरकार यहां के सैनिक स्कूलों के छात्रों को सबसे अधिक छात्रवृत्ति देती है। सेना में काम कर रहे बिहारी अद्भुत क्षमता के मालिक हैं। शरीर से तो वे बलवान होते ही हैं, उनका बौद्धिक स्तर भी काफी ऊंचा होता है। लेकिन अंग्रेजी में कमजोर होने के कारण उन्हें इस पर काफी मेहनत करनी पड़ती है।ड्ढr ड्ढr सेना में बहाली के लिए सबसे पुराना और बड़ा ग्राउन्ड बिहार में ही है। मध्य भारत एरिया के मेजर जेनरल गौतम बनर्जी ने उक्त बातें कहीं। वे बिहार, झारखंड और उड़ीसा सब हेड क्वार्टर, दानापुर के निरीक्षण के लिए छह दिन के बिहार दौरे पर आये हैं और निरीक्षण के बाद सोमवार को समाजसेवी विजय कुमार सिंह के आवास पर ‘हिन्दुस्तान’ से बातें कर रहे थे। बिहार में पले -बढ़े हजारीबाग निवासी श्री बनर्जी ने बताया कि सेना अब अपने जवानों को नई तकनीकी से लैस करने में जुटी है। हथियार अत्याधुनिक हो गये हैं इसलिए ट्रेनिंग कैंपों को हाईटेक बनाया गया है। जवानों को वाहन चलाने की शिक्षा अब मैदान में कम और सिमुलेटर से ज्यादा दी जाती है।सिमुलेटर में कम्प्यूटर पर ही उन्हें भीड़ से गाड़ी निकालने के साथ ट्रैफिक नियमों की जानकारी भी दी जाती है।ड्ढr ड्ढr निशानेबाजी सीखने की भी अब जरूरत जवानों को नहीं पड़ती। क्योंकि अधिसंख्य उपकरणों में लेजर लगे होते हैं जो टार्गेट को गोली छूटने के पहले ही हिट करते हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि सेना की बहालियों में कुछ दलाल सक्रिय हैं लेकिन वे पकड़े भी जा रहे हैं। ऐसे दलाल अयोग्य युवकों को बहाल कराने में सफल नहीं होते लेकिन मेधा के बल पर बहाल युवकों को ठगने में कभी- कभी सफल हो जाते हैं। मनोज कुमार निराला और डा. अजय कुमार भी उनके साथ थे।

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