शिक्षक नियोजन में अब फूंक-फूंककर कदम रख रही सरकार
पहले चरण में छकी सरकार इस बार के शिक्षक नियोजन में फूंक-फूंककर कदम रख रही है। सबसे अधिक तवज्जो ‘बैक डोर इंट्री’ बंद करने पर है। मानव संसाधन विभाग ने दूसरे चरण की शिक्षक बहाली के लिए सत्यापित नियोजन...
पहले चरण में छकी सरकार इस बार के शिक्षक नियोजन में फूंक-फूंककर कदम रख रही है। सबसे अधिक तवज्जो ‘बैक डोर इंट्री’ बंद करने पर है। मानव संसाधन विभाग ने दूसरे चरण की शिक्षक बहाली के लिए सत्यापित नियोजन पंजी तैयार करने की जिम्मेदारी अपने पास ही रख ली है। डीएसई अब खुद दस्तखत करके और मुहर मारकर इसे मुखियाजी को देंगे। वहीं अंतिम तारीख तक अभ्यर्थियों से कुल प्राप्त हुए आवेदनों की आखिरी संख्या के ठीक नीचे मुखियाजी नियोजन पंजी पर अपना दस्तखत करेंगे और उसकी एक प्रति डीएसई को सौंपेंगे। विभाग ने यह व्यवस्था पिछली बार की उन शिकायतों के मद्देनजर की है जिसमें कई मुखियों ने समय खत्म होने के बाद भी अपने ‘चहेते’ उम्मीदवारों का नाम ‘बैक डोर’ से घुसा दिया था।ड्ढr ड्ढr विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक कम प्राप्तांक वाले अभ्यर्थियों को नौकरी दिलाने के लिए खास ‘मोडस आपरेंडी’ का इस्तेमाल किया गया। पहले चरण में नियोजन पंजी मुखियाजी को ही तैयार करनी होती थी। लिहाजा कई मुखियाजी अपने ‘खास’ उम्मीदवारों के प्राप्तांक के आधार पर ही कटऑफ लिस्ट तय करते थे। कई जगहों पर तो न सिर्फ अधिक प्राप्तांक वाले अभ्यर्थियों का नाम पंजी से हटा दिया गया बल्कि जरूरत पड़ने पर नियोजन पंजी भी बदल दी गई। इसके अलावा अनेक उम्मीदवारों को काउंसिलिंग की सूचना ही नहीं दी गई और उनकी जगह अपने लोगों को बुलाकर पद भर लिए गए। बाद में जब अधिक अंक वाले उम्मीदवार नियोजन इकाई में अपनी शिकायत लेकर पहुंचे तो उनको यह कहकर टरका दिया गया कि आपको सूचना दी गई थी लेकिन चूंकि आप काउंसिलिंग वाले दिन नहीं आए इसलिए अब कुछ नहीं हो सकता। सबूत के तौर पर उनको यूपीसी की ‘अधकट्टी’ दिखा दी जाती थी।