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मंदी से फ्रांस में शुरू हुआ ‘बॉसनैपिंग’ का दौर

छंटनी की लटकती तलवार से त्रस्त फ्रांसीसी मजदूरों ने कानून को अपने हाथ में लेना शुरू कर दिया है। अमेरिकी फर्म कैटरपिलर के प्लांट में काम करने वाले पांच मैनजरों को मंगलवार को प्लांट में काम करने वाले...

 मंदी से फ्रांस में शुरू हुआ ‘बॉसनैपिंग’ का दौर
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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छंटनी की लटकती तलवार से त्रस्त फ्रांसीसी मजदूरों ने कानून को अपने हाथ में लेना शुरू कर दिया है। अमेरिकी फर्म कैटरपिलर के प्लांट में काम करने वाले पांच मैनजरों को मंगलवार को प्लांट में काम करने वाले मजदूरों ने बंधक बना लिया। ‘बॉसनैपिंग’ की इस ताजा घटना की वजह फैक्ट्री में काम करने वाले 733 कर्मचारियों की छंटनी बताई जा रही है। ‘बॉसनैपिंग’ की खबर मिलते ही पुलिस ने कार्यलय परिसर को घेर लिया। कर्मचारी अपने साथियों की नौकरी बचाने के लिए यूरोपीय हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं। कर्मचारी फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोलस सरकोी से भी बात करने की जिद पर अड़े हैं। खबरों के मुताबिक बुधवार को राष्ट्रपति सरकोी ने इन कर्मचारियों के नेताओं से बात करने की सहमति दे दी है। इन पांच बंधक अधिकारियों में से एक की तबीयत रात को बिगड़ जाने के बाद उसे इलाज के लिए बाहर जाने दिया गया। लेकिन अर्थमूवर बनाने वाली इस फर्म के प्लांट डायरक्टर और कार्मिक विभाग के प्रमुख समेत दो अन्य अधिकारी अब भी इन कर्मचारियों के बंधक बने हुए हैं। फ्रांस में ‘बॉसनैपिंग’ के नाम से चर्चित इस तरह की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। पिछले हफ्ते अमेरिकी फार्मा कंपनी 3 एम के एक मैनेजर को 24 घंटे से ज्यादा समय तक बंधक बना कर रखा गया था तो 12 मार्च को सोनी फ्रांस के बॉस को रातभर कर्मचारियों ने दफ्तर में ही बंधक बना कर रखा था।

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