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Hindi News ‘महंगाई रोकने को विकास की बलि नहीं’

‘महंगाई रोकने को विकास की बलि नहीं’

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का मानना है कि महंगाई गरीबों पर टैक्स जैसा है और इसे रोकना उनकी सामाजिक प्राथमिकता है। देश के शीर्ष उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि मूल्य वृद्धि...

 ‘महंगाई रोकने को विकास की बलि नहीं’
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का मानना है कि महंगाई गरीबों पर टैक्स जैसा है और इसे रोकना उनकी सामाजिक प्राथमिकता है। देश के शीर्ष उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि मूल्य वृद्धि रुके, लेकिन विकास की बलि नहीं दी जा सकती। मनमोहन सिंह ने कहा कि मुद्रास्फीति एक विषमतापूर्ण कर है जो गरीबों को यादा चोट पहुंचाता है। रुपए की बढ़ती कीमत से चिंतित उद्योगपतियों को उन्होंने भरोसा दिलाया कि बजट सत्र में इस पर विचार किया जाएगा। शिक्षा की हालत पर चिंतित प्रधानमंत्री ने शिक्षा के अधिकार के लिए कानून बनाने का वादा किया। उन्होंने कहा कि इसके लिए विधेयक लाया जाएगा। भारतीय वाणिय उद्योग महासंघ (फिक्की) के अधिवेशन में प्रधानमंत्री ने उद्योग जगत को भरोसा दिलाया कि सरकार दुनिया के बाजारों की उठापटक के प्रभावों से बचाव के उपाय सोच रही है। बनेगा शिक्षा का अधिकार कानून: सर्व शिक्षा अभियान और मिड डे मील कार्यक्रमों की समीक्षा पर शुक्रवार को हुई बैठक में प्रधानमंत्री ने ‘शिक्षा का अधिकार’ से संबधित विधयेक पेश किये जाने का संकेत देकर साफ कर दिया कि राज्य सरकारों की असमर्थता के बावजूद सरकार इस कानून को अंजाम देने के पक्ष में है। बैठक को शिक्षा क्षेत्र में विस्तार योजनाओं को शामिल करने से जोड़ कर देखा जा रहा है। दसवीं पंचवर्षीय योजना के शिक्षा के लिए 10 फीसदी बजट को 11वीं योजना में 1ीसदी किया गया है। एक अप्रैल से देश भर के सरकारी स्कूलों में 8वीं कक्षा तक के छात्रों को दोपहर के भोजन कार्यक्रम में शामिल किया जाना है। बिहार, राजस्थान, यूपी, आंध्र प्रदेश, झारखंड, आदि राज्यों के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की जा सकती है।

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