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महिलाआें को रात्रि पाली में सुरक्षा जरूरी : अदालत

उच्चतम न्यायालय ने नैस्काम के अध्यक्ष सोम मित्तल की उस याचिका को गुरुवार को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ चल रही आपराधिक कार्रवाई को निरस्त करने का अनुरोध किया था। मित्तल पर आरोप है कि...

 महिलाआें को रात्रि पाली में सुरक्षा जरूरी : अदालत
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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उच्चतम न्यायालय ने नैस्काम के अध्यक्ष सोम मित्तल की उस याचिका को गुरुवार को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ चल रही आपराधिक कार्रवाई को निरस्त करने का अनुरोध किया था। मित्तल पर आरोप है कि उन्होंने कर्नाटक में अपनी कंपनी में रात्रि पाली में कार्यरत एक महिला कर्मचारी को सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जिसके चलते बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई। मुख्य न्यायाधीश के जी बालाकृष्णन, न्यायमूर्ति आर वी रवीन्द्रन और न्यायमूर्ति जे एम पांचाल ने न्यायाधीश मार्कण्डेय काटजू की उस टिप्पणी को फैसले से निकाल दिया जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश में अग्रिम जमानत के प्रावधान को बहाल करने की सिफारिश की थी। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि न्यायमूर्ति काटजू का बयान फैसले का हिस्सा नहीं होगा, क्योंकि यह बयान पेश मामले से संबंधित नहीं है। पीठ के दूसरे न्यायाधीश एच के सेमा ने भी न्यायमूर्ति काटजू के बयान पर सहमति व्यक्त नहीं की थी। इस फैसले से न्यायालय ने मित्तल के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है।

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