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केंद्र संवैधानिक कदम उठाए: नीतीश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर सरकार का उत्तर देते हुए विपक्ष की जमकर बखिया उधेड़ी। महाराष्ट्र में बिहारियों पर हमले के मुद्दे पर विधानसभा में राज्यपाल आरएस गवई के...

 केंद्र संवैधानिक कदम उठाए: नीतीश
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर सरकार का उत्तर देते हुए विपक्ष की जमकर बखिया उधेड़ी। महाराष्ट्र में बिहारियों पर हमले के मुद्दे पर विधानसभा में राज्यपाल आरएस गवई के खिलाफ की गई अशोभनीय टिप्पणी पर दुख व्यक्त करते हुए उन्होंने विपक्ष को करारा जवाब दिया। राजद ने यह कहकर वाक आउट किया कि वह इस मसले पर सर्वदलीय समिति बनाकर केन्द्र सरकार से वार्ता करने को तैयार है पर महाराष्ट्र से लौटने वाले बिहारियों की राज्य सरकार सुध नहीं ले रही है।ड्ढr ड्ढr पीड़ित बिहारियों की कोई सूचना राज्य सरकार के पास नहीं है। वहीं महाराष्ट्र में बिहारियों पर हमले के मामले पर केन्द्र सरकार पर करारा हमला करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार धारा 355 का प्रयोग करते हुए महाराष्ट्र सरकार को उचित कार्रवाई का निर्देश दे। इसके बावजूद वहां आंतरिक शांति स्थापित नहीं हो पाये तो धारा 356 का प्रयोग करे। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी विपक्ष के इस आरोप को सिरे से खारिज किया कि उन्होंने राज्यपाल के खिलाफ कोई बात कही है। मुख्यमंत्री ने राजद को बयान न देकर महाराष्ट्र में उचित कार्रवाई करवाने में सहयोग करने की नसीहत दी।उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह पुराना खेल है। पहले अतिवादियों को बढ़ने दो। वोट का जमाना है। पर यही अतिवादी बाद में नियंत्रण से बाहर हो जाते हैं। राजद के रामचन्द्र पूर्वे एवं अब्दुल बारी सिद्दीकी की टोका-टोकी के बीच मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सदन के कुछ सदस्यों की अशोभनीय टिप्पणी मीडिया द्वारा सामने आयी।ड्ढr ड्ढr मीडिया ने सदन में जो देखा उसे लोगों को बताया। अभिभाषण समाप्त होते ही सदन की तरफ से हमने भी राज्यपाल से तुरंत कहा कि इसका हमें दुख है। पर पूरे देश को यह बताना आवश्यक है कि ऐसे इक्के-दुक्के लोगोंके साथ सदन नहीं है। राज्यपाल बिहार के लिए अभिनन्दनीय काम कर रहे हैं। इस देश में किसी को कहीं भी काम काम करने एवं घर बनाने का मौलिक अधिकार है जिससे वंचित करना संविधान की व्यवस्था ध्वस्त करने के समान है। इसके खिलाफ बिहार सरकार द्वारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को पत्र एवं फोन द्वारा उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लोग अच्छे हैं, सिर्फ कुछ तत्व अपनी राजनीति चमकाने और चर्चा में रहने के लिए खराब काम कर रहे हैं। राज्य सरकार को उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।

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