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सेतुसमुद्रम पर सरकार ने खोजा बीच का रास्ता

द्रमुक के दबाव और संघ परिवारी संगठनों की धमकी के चलते पिछले कई महीने से ‘बीच का रास्ता’ खोजती यूपीए सरकार ने सेतुसमुद्रम परियोजना पर नए हलफनामे के मजमून को हरी झंडी दे दी है। सरकार अगले सप्ताह इसे...

 सेतुसमुद्रम पर सरकार ने खोजा बीच का रास्ता
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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द्रमुक के दबाव और संघ परिवारी संगठनों की धमकी के चलते पिछले कई महीने से ‘बीच का रास्ता’ खोजती यूपीए सरकार ने सेतुसमुद्रम परियोजना पर नए हलफनामे के मजमून को हरी झंडी दे दी है। सरकार अगले सप्ताह इसे सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल की राजनीतिक मामलों की समिति ने इस पेचीदा मुद्दे पर सम्बद्ध विभागों द्वारा तैयार हलफनामे को गुरुवार की अपनी बैठक में मंजूरी दी।ड्ढr ड्ढr बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने की। इससे पहले मंत्रिमंडलीय समूह(जीओएम) में गत मंगलवार को इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा हुई थी। सूत्रों के अनुसार सरकार ने हलफनामे में एक तरफ विवादास्पद परियोजना के निर्माण को हरी झंडी दी है को दूसरी तरफ यह भी कहा है कि सेतु से जुड़े भावनात्मक मुद्दों, खासक र लोगों की आस्था के साथ छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए। सरकार के नए हलफनामे के बाद सेतुसमुद्रम विवाद पर अब अंतिम फैसला सुप्रीम क ोर्ट का होगा। मंत्रिमंडलीय समिति ने तमिलनाडु की द्रमुक-नीत सरकार द्वारा सेतुसमुद्रम के पक्ष में पेश दस्तावेजों पर गौर करते हुए यह माना है कि परियोजना देश के लिए फोयदेमंद है। इससे पूर्वी और पश्चिमी तटों के बीच समुद्रीमार्ग की दूरी कोफी कम हो जाएगी। संपूर्ण इलाके में व्यापार और आर्थिक कार्यकलापों को बढ़ावा मिलेगा। वाणिज्यिक जलपोतों को न केवल छोटा रास्ता मिलेगा अपितु तटीय इलाके में कई नए वाणिज्यिक केंद्र उभरेंगे। लोगों को इनमें रोजगार मिलेगा।ड्ढr ड्ढr आर्थिक और वाणिज्यिक पहलुओं को महत्वपूर्ण मानते हुए भी कथित आस्था के सवाल को हलफ नामे में सहलाया गया है। बीच का रास्ता लेते हुए लोगों की भावनाओं का ख्याल रखने की बात कही गई है। परियोजना के कुछ हलके में घुमावदार रास्ता बनाए जाने के सुझाव का इससे संकेत मिलता है। इसका तकनीकी-वैज्ञानिक प्रकल्प विशेषज्ञ तैयार करेंगे। उल्लेखनीय है कि सरकार के पिछले हलफनामे में मिथकीय रामसेतु या एडम्स ब्रिज के निर्माण को काल्पनिक वृतान्त माना गया था। इसे लेकर संघ परिवारी संगठनों ने हंगामा शुरू कर दिया। अयोध्या की तर्ज पर यहां भी हिन्दुत्व की सियासी-पताका फहराने की कोशिश तेज हो गई। बढ़ते विवाद से निजात पाने के लिए सरकार ने उक्त हलफ नामे को वापस ले लिया था। दो अधिकारियों के खिलाफ कोर्रवाई तक हो गई। एक मंत्री सहित कई कांग्रेसियों ने संस्कृति मंत्री अंबिका सोनी पर भी निशाना दागा। किसी तरह वह अपनी कुर्सी बचाने में सफल हुईं। तबसे यह मामला अधर में लटका था।

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