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ब्रेन की बनावट से आता है व्यवहार में बदलाव : डॉ निजामी

। सीआइपी के निदेशक डॉ एस हक निजामी ने कहा कि मस्तिष्क का क्रियात्मक विलोपन है मन। ब्रेन की बनावट की वजह से व्यवहार में परिवर्तन आता है।ड्ढr स्मरणशक्ित की अलग जगह होती है, वाणी की अलग। वर्तमान में...

 ब्रेन की बनावट से आता है व्यवहार में बदलाव : डॉ निजामी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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। सीआइपी के निदेशक डॉ एस हक निजामी ने कहा कि मस्तिष्क का क्रियात्मक विलोपन है मन। ब्रेन की बनावट की वजह से व्यवहार में परिवर्तन आता है।ड्ढr स्मरणशक्ित की अलग जगह होती है, वाणी की अलग। वर्तमान में सामाजिक व्यवहार को माइंड और ब्रेन से जोड़कर देखा जा रहा है। डॉ निजामी शनिवार को मनोविज्ञान विभाग में आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हेल्थ साइकोलॉजी सभी क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रही है। जब हम गलत अवधारणाआें को बदलते हैं, तो प्रभावी व्यक्ितत्व सामने आता है। विभागाध्यक्ष डॉ शाहिद हसन ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य नैदानिक मनोविज्ञान की संभावनाएं असीम हैं। इसकी उपयोगिता निरंतर बढ़ती जा रही है। सेमिनार में डॉ मीरा जायसवाल, डॉ शशिकला सिंह, डॉ अनिता अरोड़ा, डॉ एसपी सिंह, डॉ अब्दुल खालिद और डॉ भारती राय सहित कई लोग उपस्थित थे।ड्ढr द्य4वां आेरिएंटेशन तीन से : जनजातीय और क्षेत्रीय साहित्य में नवजागरण के स्वरूप पर 4वां आेरिएंटेशन कार्यक्रम एकेडेमिक स्टॉफ कॉलेज मोरहाबादी में तीन मार्च से शुरू होगा। इसके लिए समन्वयक डॉ त्रिवेणी नाथ साहू को बनाया गया है। जबकि एक अन्य रिफ्रेशर कोर्स के लिए डॉ अतिंद्र नाथ शाहदेव को समन्वयक बनाया गया है। दोनों कार्यक्रम साथ-साथ चलेंगे। यह जानकारी प्रशाखा पदाधिकारी वीरेंद्र पांडेय ने दी।ड्ढr द्यराष्ट्रीय विज्ञान दिवस मना : स्नातकोत्तर वनस्पति विज्ञान विभाग में शनिवार को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया गया। विभागाध्यक्ष डॉ राधा साहू ने विज्ञान दिवस की महत्ता और वनस्पति की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। डॉ जीतेंद्र कुमार सिंह और डॉ हनुमान प्रसाद शर्मा ने प्राकृतिक संपदा के महत्व से संबंधित जानकारी दी। विद्यार्थियों की आेर से एकता और संजीव चक्रवर्ती ने अपने विचार रखे।ड्ढr द्यविज्ञान दिवस पर रांची कॉलेज में व्याख्यान : राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के मौके पर रांची कॉलेज के भूगोल विभाग में व्याख्यान का आयोजन किया गया। मौके पर डॉ डीके सिंह ने पृथ्वी पर उपस्थित समस्त जैविक-अजैविक तत्वों के बीच संबंध, सौर मंडल के साथ पृथ्वी के संबंध और पृथ्वी के संरक्षण की जरूरत पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में प्रधानाचार्य डॉ आनंद भूषण, प्रो केके सिंह, डॉ रेखा श्रीवास्तव, प्रो मीना टोप्पो, नलिनी कांत महतो, जीके सिंह, डॉ एपी साहा, डॉ संजय मिश्र, प्रो इंद्रजीत सिंह, डॉ वीवीएन पांडेय, डॉ एके गोविल, प्रो विनय कुमार, डॉ नमिता सिंह और प्रो जीतवाहन भगत सहित कई विद्यार्थी मौजूद थे।

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