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माहिर हैं ये कुल गुरु..ड्ढr इसे विश्व के विद्यालय के नाम से जाना जाता है। राज्य के सबसे पुराने विश्व गुरुकुल के आला पदों पर बैठे गुरुकुल का ख्याल किस तरह करते हैं, किसी से छुपा नहीं है।...

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लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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माहिर हैं ये कुल गुरु..ड्ढr इसे विश्व के विद्यालय के नाम से जाना जाता है। राज्य के सबसे पुराने विश्व गुरुकुल के आला पदों पर बैठे गुरुकुल का ख्याल किस तरह करते हैं, किसी से छुपा नहीं है। विद्यार्थियों को ईमानदारी व निष्ठा का पाठ पढ़ानेवाले ये कुल गुरु दोहन शैली में भी माहिर हैं। बस इन्हें मौका मिलना चाहिए। सरकार भी आये दिन किसी न किसी बात पर इन्हें इसका मौका दे देती है। अभी इन्हें नये गुरुओं के पदस्थापन का मौका मिला था। फिर क्या था, कुल के मुखिया के सरकारी आवास पर शुरू हो गया बैठकों का सिलसिला। ये बैठकें भी ऐसी होती हैं कि इन्हें गोपनीय गुप्तगु कहा जाये, तो गलत नहीं होगा। छुपते-छुपाते बैठक करने में माहिर इन कुल गुरुओं का मानना है कि जो कर रहे हैं, उसकी भनक किसी को न लगे। पूछने पर कहते हैं पैरवीकारों से छुप रहे हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि ये पैरवीकारों को बुलाते हैं, ताकि बढ़िया दोहन चालू रहे। ये जानते हैं कि पैरवीकारों की भीड़ जब घर पर है ही, तो दफ्तर में उन्हें क्यों बुलायें। हकीकतन इनकी गोपनीय बैठकों का सार यह होता है कि उनकी गड़बड़ी की जानकारी मीडिया को नहीं मिले। उनकी हरकतों पर जब छात्र चिल्लाते हैं, तो वे ठीकरा कुल के मुखिया के सिर फोड़ मीडिया की पनाह लेने की कोशिश करते हैं।

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