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फरवरी-08 में उत्पादन लक्ष्य से पीछे रहा सीसीएल

सीसीएल फरवरी- 08 में उत्पादन लक्ष्य से 10.5लाख टन पीछे रहा। इस माह कंपनी ने 68.37 लाख टन उत्पादन का लक्ष्य रखा था। इसके विरुद्ध 57.78 लाख टन ही उत्पादन हो पाया। इस वर्ष पिपरवार क्षेत्र से बेहतर...

 फरवरी-08 में उत्पादन लक्ष्य से पीछे रहा सीसीएल
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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सीसीएल फरवरी- 08 में उत्पादन लक्ष्य से 10.5लाख टन पीछे रहा। इस माह कंपनी ने 68.37 लाख टन उत्पादन का लक्ष्य रखा था। इसके विरुद्ध 57.78 लाख टन ही उत्पादन हो पाया। इस वर्ष पिपरवार क्षेत्र से बेहतर उत्पादन नहीं हो पा रहा है। फरवरी में ही वहां से लक्ष्य का मात्र 7प्रतिशत उत्पादन हो सका। उसे 25 लाख टन का लक्ष्य दिया गया था। इसके विरुद्ध 1लाख टन ही उत्पादन हो पाया। रजरप्पा, ढोरी, नार्थ कर्णपुरा, बरका-सयाल की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है। ये क्षेत्र में लक्ष्य से पीछे रहे हैं। अरगड्डा और बोकारो एंड करगली क्षेत्र ने लक्ष्य से अधिक उत्पादन किया है। इन क्षेत्रों ने लक्ष्य का क्रमश: 102 और 101 प्रतिशत उत्पादन किया है। हजारीबाग क्षेत्र ने भी लक्ष्य का शत प्रतिशत उत्पादन किया है। निर्धारित वार्षिक 44 एमटी का लक्ष्य पाने के लिए ही मार्च में करीब 10 मिलियन टन उत्पादन करने का निर्देश दिया गया है।ड्ढr ड्रीलिंग क्षमता दोगुनी करेगा सीएमपीडीआइड्ढr सीएमपीडीआइ अपनी ड्रीलिंग क्षमता दोगुना करेगा। वर्तमान में कंपनी की क्षमता प्रतिवर्ष दो लाख मीटर है। भविष्य में मांग में अनुमानित वृद्धि के अनुरूप अधिक कोयले का उत्पादन करना होगा। इसके मद्देनजर कोयला संसाधनों के शीघ्रता से प्रमाणीकरण की जरूरत होगी। कोयला उद्योग के राष्ट्रीयकरण के बाद खुली खदानों से उत्पादन में अपेक्षाकृत अधिक वृद्धि हुई है।कोल इंडिया ने 11वीं पंचवर्षीय योजना में भूमिगत उत्पादन को बढ़ाकर 75 मिलियन टन करने की योजना बनायी है।ड्ढr कामगारों को गुमराह करने का आरोपड्ढr द झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन के केंद्रीय सचिव नवीन कुमार झा ने मकान भत्ता भुगतान मामले में कामगारों को गुमराह करने का आरोप एनसीआेइए पर लगाया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय सिर्फ उन्हीं कामगारों के लिए है, जिन्हें इसका भुगतान कर राशि काट ली गयी थी। अन्य को इसका लाभ नहीं मिलने वाला है। बावजूद इसके संगठन वाहवाही लूटने में लगा है। पूर्व में भी पेंशन के मामले में कामगारों को वह चूना लगा चुका है।

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