उम्रदराज घर गिरवी रखें, रकम लें टैक्स फ्री
पिछले एक साल के दौरान रिवर्स मोर्टगेज स्कीम के तहत बुजुर्गो को लोन देने संबंधी प्रयासों को लेकर रहे खराब रिस्पांस के बाद वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने अपने साल 2008-0े आम बजट में एलान कर दिया कि जो...
पिछले एक साल के दौरान रिवर्स मोर्टगेज स्कीम के तहत बुजुर्गो को लोन देने संबंधी प्रयासों को लेकर रहे खराब रिस्पांस के बाद वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने अपने साल 2008-0े आम बजट में एलान कर दिया कि जो रकम किसी बुजुर्ग को मिलेगी उस पर टैक्स नहीं लगेगा। बेहद अहम रही यह घोषणा इस तथ्य की रोशनी में कि इस मसले के चलते बहुत से लोग अपने घरों को बैंकों के पास गिरवी नहीं रखा पा रहे थे। एचडीएफसी के एक आला अधिकारी ने कहा कि कि अब उम्मीद की जानी चाहिए कि रिवर्स मोर्टगेज स्कीम को बुजुर्ग हाथों-हाथ लेंगे। जानकारों का कहना है कि पिछले 12 महीने तक इस योजना को लेकर जनता की ठंडे रुख की मोटे तौर पर दो वजहें रहीं। पहली, अधिकतर सरकारी बैंकों ने इस स्कीम को लागू करने में ही छह महीने का वक्त लगा दिया था। बजट से चंद रोज पहले एलआईसी हाऊसिंग फाइनेंस ने भी इसे लागू किया। जिन्होंने इसे लागू किया वे भी इसे सही प्रकार से जनता के सामने लेकर नहीं जा सके। दूसरा, तमाम उम्र दराज लोग यह मानते रहे हैं कि जब वे अपने घर को किसी बैंक के पास गिरवी पर रखंेगे तब उन्हें वहां से मिलने वाले धन पर टैक्स लगेगा। उम्र के इस पड़ाव पर वे इस झंझट में नहीं पड़नाचाहते थे। सनद रहे स्टेट बैंक, पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा, एलआईसी वगैरह ने इसे लागू कर दिया। बैंकिंग सूत्रों ने कहा कि बीते एक बरस के दौरान देशभर के मात्र 300-400 बुजुर्गो ने ही रिवर्स मोर्टगेज स्कीम के तहत अपने घर को गिरवी पर रखकर बैंक से धन लेना शुरू किया। इतनी फ्लैगशिप स्कीम के इतने बुरे रिस्पांस पर यह भी कहा जा रहा है कि इसके तमाम बिंदुओं का बैंकों ने सही तरह से खुलासा ही नहीं किया। इसने भी इसे आगे बढ़ने नहीं दिया। बैंकों ने इसका अपेक्षित प्रचार नहीं किया मीडिया में। जाहिर है कि लाखों बुजुर्गो को राहत देने वाली योजना पिट गई। ग्राफिक्स एड एजेंसी के प्रबंध निदेशक मुकेश गुप्ता ने कहा कि बैंकों ने इसे लेकर गिनती के भी विज्ञापन नहीं दिए। बिना प्रचार के कोई स्कीम नहीं सफल हो पाती। उधर,रीयल एस्टेट सेक्टर की सलाहकार एजेंसी सैंचुरी 21 के सीईओ डा. देवेन्द्र गुप्ता मानते हैं कि यदि रिवर्स मोर्टगेज स्कीम को बैंक सही प्रकार से लागू करें तो निश्चित रूप से तमाम लोग इसका लाभउठना चाहंेगे। महानगरों मे ऐसे मकान मालिकों की कोई कमी नहीं हैं, जिनके बड़े-बड़े घर है, पर उनका आय का कोई नियमित स्रोत नहीं है। अब चूंकि उन्हें बैंक से मिलने वाली रकम को टैक्स फ्री कर दिया गया है तो माना जा सकता है कि इसके प्रति बुजुर्गो का रुझान बढ़ेगा।