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केन्द्र के हलफनामे में शशांक की नियुक्ित अप्रत्याशित

ैबिनेट सचिव के पद पर शशांक शेखर की नियुक्ित को केन्द्र सरकार ने अपने हलफनामे में ‘अप्रत्याशित’ करार दिया है। सोमवार को उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ मंे दायर जवाबी हलफनामे में कहा गया है कि आजादी के बाद...

 केन्द्र के हलफनामे में शशांक की नियुक्ित अप्रत्याशित
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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ैबिनेट सचिव के पद पर शशांक शेखर की नियुक्ित को केन्द्र सरकार ने अपने हलफनामे में ‘अप्रत्याशित’ करार दिया है। सोमवार को उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ मंे दायर जवाबी हलफनामे में कहा गया है कि आजादी के बाद से केन्द्र सरकार में कैबिनेट सचिव का पद नागरिक सेवा का सवर्ोच्च पद है जबकि राज्य में मुख्य सचिव का पद सवर्ोच्च पद है और यह कैडर पोस्ट का पद है। केन्द्र मंे कैबिनेट सचिव केन्द्रीय मंत्रिमंडल के सचिव के रूप मंे कार्य करता है।ड्ढr न्यायमूर्ति प्रदीप कांत तथा न्यायमूर्ति नारायण शुक्ला की खण्ड पीठ के सम्मुख सोमवार को राज्य सरकार की आेर से भी एक संक्षिप्त शपथ पत्र दाखिल कर कहा गया कि चूँकि शशांक शेखर ने कैबिनेट मंत्री का दर्जा त्याग दिया है तथा राज्य के सवर्ोच्च प्रशासनिक पद को भी त्याग दिया है, तत्पश्चात यह पद मुख्य सचिव में निहित होने की संस्वीकृति भी राज्यपाल ने दे दी है, अत: ऐसी स्थिति मंे एडवोकेट शिव प्रकाश शुक्ला की आेर से दायर जनहित याचिका, जिसमें खास तौर से इन्हीं दो बिन्दुआें पर जोर दिया गया था, खारिज किए जाने लायक है।ड्ढr पीठ ने फिलहाल याचिकाकर्ता को इस शपथ पत्र का उत्तर देने का समय प्रदान करते हुए याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 1मार्च की तारीख नियत की है।ड्ढr दूसरी तरफ केन्द्र सरकार के पर्सनल एण्ड ट्रेंनिग विभाग के निदेशक (सेवा) चैतन्य प्रसाद ने याचिका के जवाब मंे दाखिल हलफनामे में कहा है कि प्रदेश सरकार ने जिस तरीके से कैबिनेट सचिव के पद का सृजन कर उस पर शशांक शेखर की तैनाती की है उसने मुख्य सचिव के कायरे एवं महत्व को हाशिए पर ला दिया है। इससे भारतीय प्रशासनिक सेवा के क्रिया कलापों पर दूरगामी परिणाम पड़ सकते हैं। हलफनामे मंे कहा गया है कि परम्परागत ढंग से मुख्य सचिव का पद आईएएस कैडर के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी से भरा जाता है और वह अपने प्रशासनिक अनुभवों के कारण राज्य का मुख्य प्रशासनिक पद माना जाता है। हलफनामे में कहा गया है कि प्रदेश में नवसृजित कैबिनेट सचिव का पद न तो आईएएस कैडर का और न ही एक्स-कैडर का पद है, बल्कि वस्तुत: राज्य सरकार ने इसे ‘आेहदा’ प्रदान कर मुख्य सचिव से भी उच्च स्तर का पद बना दिया है। जो कार्य पूर्व मंे मुख्य सचिव द्वारा सम्पादित किए जाते थे उन्हें कैबिनेट सचिव द्वारा सम्पादित किया जा रहा है।ं

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