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बड़ा चीज है विश्वास। साहेब को विश्वास था कि एक न एक दिन वह राज्य की ऊपरी सीट पर जरूर पहुंचेंगे, लेकिन बीच-बीच में कुछ न कुछ व्यवधान आ जा रहा था। ऐसे में साहेब ने वही किया, जो और लोग करते हैं।...

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लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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बड़ा चीज है विश्वास। साहेब को विश्वास था कि एक न एक दिन वह राज्य की ऊपरी सीट पर जरूर पहुंचेंगे, लेकिन बीच-बीच में कुछ न कुछ व्यवधान आ जा रहा था। ऐसे में साहेब ने वही किया, जो और लोग करते हैं। पूजा-पाठ, तंत्र मंत्र शुरू किया। इससे लाभ तो हो रहा था, पर वैसा नहीं, जैसा साहेब चाह रहे थे। साहेब का परमोशन तो हुआ, लेकिन सिंहासन बत्तीसी नहीं मिल पायी। बोसू साहब को समझे में नहीं आ रहा था कि करें, तो का करें। इसी बीच एक बाबा से मुलाकात हो गयी। बाबा ने उन्हें गउ माता की महिमा बतायी। कहा, सेवा करके देखिये, जरूर लाभ मिलेगा। प्रेम के प्रकाश का असर भी कम होने लगेगा और गो मइया के आशीर्वाद से मन की मुराद मिल सकती है। साहब बहादुर काली गाय घर लाये और सेवा पूजा करने में लीन हो गये। बाबा ने कहा था कि सोने के कटोरे से मां को जल चढ़ायेंगे, तो वह जल्दी खुश होंगी। ऐसा ही होने लगा। महीना बीता भी नहीं कि फल मिल गया। हालांकि उसमें एक पेंच लगा ही रहा। साहब बने रहे इसलिए बाबा ने कहा कि सेवा बरकरार रखो बच्चा। सिहांसन बतीसी पर कुछ समय के लिए बने भी रह सकते हो।

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