कमरतोड़ महंगाई ने आम आदमी के लिए खड़ी की मुसीबतें
मरतोड़ महंगाई ने आम आदमी के लिए मुसीबतंे खड़ी कर दी है। उनका जीना मुहाल कर दिया है। कुछ दिनों के अंतराल में खाद्य तेलों के दाम में वृद्धि हो रही है। पिछले पांच दिन के भीतर सरसों तेल के दाम में 12...
मरतोड़ महंगाई ने आम आदमी के लिए मुसीबतंे खड़ी कर दी है। उनका जीना मुहाल कर दिया है। कुछ दिनों के अंतराल में खाद्य तेलों के दाम में वृद्धि हो रही है। पिछले पांच दिन के भीतर सरसों तेल के दाम में 12 रुपये की बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी है। यह बढ़ोत्तरी जनवरी 2008 के बाद से लगातार जारी है।ड्ढr व्यवसायियों का कहना है कि सटोरियों के कारण खाद्य समाग्रियों के दामों में बढ़ोत्तरी हो रही है। खाद्यान्न और खाद्य तेल पर सटोरिये अपन दबदबा बनाये हुए हैं। मात्र 20 फीसदी राशि लगा कर 100 प्रतिशत की खरीदारी करते हैं। दूसरे दिन खाद्य पदार्थो की कीमतों में उछाल आ जाती है। 60 से 62 रुपये लीटर बिकनेवाला सलोनी ब्रांड सरसों तेल का खुदरा मूल्य 82 रुपये प्रति लीटर तक जा पहुंचा है, जबकि इंजन ब्रांड सरसों तेल राजधानी के बाजार में उपलब्ध ही नहीं है। चैंबर के संजय माहुरी और रवि रोहतगी का कहना है कि तेल का दाम 100 रुपये लीटर भी हो सकता है। ताज्जुब की कोई बात नहीं है।ड्ढr फॉर्चून सोयाबीन रिफाइंड का खुदरा मूल्य 75 से पये लीटर हो गया है। इतनी महंगाई के बावजूद बाजार में सरसों तेल की किल्लत हो गयी है। बढ़ते दामों को देख कुछ व्यवसायी माल को डंप कर जबरदस्ती बाजार में किल्लत पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर वर्ष होली के समय नया सरसों बाजार में आता था और सरसों तेल के दाम में कमी आती थी, लेकिन इस साल सरसों की ऊपज कम होने के कारण तेल की कीमतों में उछाल है। दूसरी ओर जमाखोर भी सक्रिय हो गये हैं और महंगाई बढ़ाने पर तुले हैं।ं