शासन
किसका शासन कहां चलता है? आम तौर पर लोग मानते हैं कि पूर राज्य में राजा का ही शासन चलता है। मगर ऐसी बात नहीं है। उस दिन राजा की सवारी पार्टी के दफ्तर में पहुंची थी। दूसर दल के कुछ लोग शामिल होने के...
किसका शासन कहां चलता है? आम तौर पर लोग मानते हैं कि पूर राज्य में राजा का ही शासन चलता है। मगर ऐसी बात नहीं है। उस दिन राजा की सवारी पार्टी के दफ्तर में पहुंची थी। दूसर दल के कुछ लोग शामिल होने के लिए आ रहे थे। राजा अपने कमर में बैठे थे। उन्होंने एक नेता के बार में जिज्ञासा की-वे आए कि नहीं? कोई जवाब देता इससे पहले वे बोल उठे-लगता है आ गए। बाहर जिन्दाबाद का नारा लग रहा है। सचमुच वे आ ही गए थे। किसी ने आग्रह किया-चला जाए। राजा का जवाब था-हम अपने मन से कहां चल दें। यहां तो अध्यक्षजी का शासन चलता है न। वे कहें तो चलें।ड्ढr ड्ढr तैयारीड्ढr हर कोई तैयारी में जुटा है। कोसी वाले मंत्रीजी भी तैयारी में हैं। बाढ़ के समय लालटेनवालों ने उनके खिलाफ जबरदस्त भाषण दिया। अब कसर निकालने के लिए तैयार हैं। उनके भाषण का मुख्य अंश होगा साधु प्रकरण। वे कहेंगे कि सुप्रीमो जब अपने साले के नहीं हुए तो आपके कैसे होंगे। महिलाओं के बीच उनके भाषण का तेवर कुछ और कड़ा होगा। मसलन, वे कहेंगे कि भाई और बहन के बीच अटूट रिश्ता रहता है। सुप्रीमो ने इस रिश्ते को तोड़वा दिया। अब भाई के बार में पूछने पर बहन का जवाब होता है कि वह इस नाम के किसी आदमी को नहीं जानती हैं। बताइए इसके लिए कौन जिम्मेवार है।ड्ढr ड्ढr पहचानड्ढr ये भाजपा में हैं। किसी प्रकोष्ठ के मीडिया प्रभारी हैं। उम्र कम ही है। मगर सिर के बाल ने समय से पहले धोखा दे दिया। सो, हमउम्र लोग भी अंकल कहने लगे। रो-रो की यातना से तंग आकर मिश्राजी ने तय किया कि अब कुछ करंगे। एक सप्ताह तक मायानगरी में रहे। लौटे तो सिर के बाल उग आए थे। उम्मीद थी कि कार्यालय में लोग उनके नए रूप को पसंद करंगे। ठीक उल्टा हुआ। कार्यालय में उनकी किसी ने नोटिस नहीं ली। क्यों भाई? इसलिए कि कोई पहचान नही पा रहा था। मिश्राजी ने महसूस किया कि पहले ही अच्छा था। कम से कम बाल नोचने की नौबत तो नहीं आती थी।ाजी ने तय किया कि अब कुछ करंगे। एक सप्ताह तक मायानगरी में रहे। लौटे तो सिर के बाल उग आए थे। उम्मीद थी कि कार्यालय में लोग उनके नए रूप को पसंद करंगे। ठीक उल्टा हुआ। कार्यालय में उनकी किसी ने नोटिस नहीं ली। क्यों भाई? इसलिए कि कोई पहचान नही पा रहा था। मिश्राजी ने महसूस किया कि पहले ही अच्छा था। कम से कम बाल नोचने की नौबत तो नहीं आती थी।