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अब सबकी निगाहें टिकीं नतीजों पर

प्रत्याशियों की परीक्षा हो गई! अब परीक्षार्थियों और उनके अभिभावक यानी पार्टी नेताओं की निगाहें रिाल्ट पर हैं! जिसे आने में तीन दिनों का समय है। लिहाजा, कौन सा दल टॉप करगा, किसे दोयम दर्जा मिलेगा!...

 अब सबकी निगाहें टिकीं नतीजों पर
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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प्रत्याशियों की परीक्षा हो गई! अब परीक्षार्थियों और उनके अभिभावक यानी पार्टी नेताओं की निगाहें रिाल्ट पर हैं! जिसे आने में तीन दिनों का समय है। लिहाजा, कौन सा दल टॉप करगा, किसे दोयम दर्जा मिलेगा! ‘थर्ड’ पोजीशन और चौथे स्थान से कौन संतोष करगा? सियासी स्कूलों (पार्टी दफ्तरों) में इन्ही बिन्दुओं पर तर्क-वितर्क होते रहे! कयासबाजी चल रही है। खबरिया चैनलों का ‘एगिट पोल’ इसमें तड॥का लगा रहा है। कोई इन एगिट पोलों को गलत और कुछ सही ठहरा कर बहस किए जा रहे हैं।ड्ढr ढाई महीने से चल रही राजनीतिक गहमागहमी जाहिरा तौर पर शांत हो गई है। मगर पार्टी नेताओं और रणनीतिकारों को मेहनत..और रणनीति के परिणाम का इंतजार है। शायद यही वजह है कि बुधवार की सुबह 11 बजे सपा के मुखिया मुलायम सिंह यादव विक्रमादित्य मार्ग स्थित पार्टी दफ्तर पहुँच गए। उस समय दफ्तर में प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी, मीडिया मैनेजर आशीष यादव और कुछ कर्मचारी मौजूद थे। श्री यादव अपने कमर में गए। पाँचवें दौर में जिन 14 सीटों पर वोट पड़े, वहाँ के जिलाध्यक्षों, प्रत्याशियों को फोन लगाया। रिपोर्ट ली। जरूरी हिदायत दी। शाहाहाँपुर, सहारनपुर के जिलाध्यक्षों ने बताया कि पुलिस, प्रशासन उनके कार्यकर्ताओं को मतदान केन्द्रों के पास से भगा रहा है। कार्यकर्ताओं, वोटरों को धमकाया जा रहा है। उन्हें निर्देश हुआ- कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाएँ। उनके साथ खड़े हों। वोटरों को निकालें। सपा प्रमुख ने वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं को मतगणना के दौरान सतर्क रहने की हिदायत दी। बीच-बीच में वह अंतिम दौर की सीटों के मतदान के परसेन्टेा की जानकारी लेते रहे। तकरीबन दो बजे वह घर के लिए निकले, तब तक कई और नेता वहाँ आ गए थे। वह भी केन्द्र में नई सरकार के गठन की चर्चाओं में मशगूल हो गए।ड्ढr भाजपा के प्रदेश मुख्यालय का नजारा इससे ज्यादा अलग नहीं था। प्रदेश अध्यक्ष रमापतिराम त्रिपाठी, संगठन मंत्री नागेन्द्र सुबह से ही कार्यालय आ गए थे। निगाहें पीलीभीत, आँवला के मतदान प्रतिशत पर थीं। ये नेता खबरिया चैनलों पर निगाहें गड़ाए थे। दिल्ली में क्या चल रहा है? जब कभी जयललिता, नितीश से जुड़ा कोई फ्लैश चमकता, उनकी निगाहें चौड़ी हो जातीं। फिर दावा किया जाता-अब एनडीए की सरकार बन जाएगी! कई लोग हाँ में हाँ मिलाते। चना, बिस्कुट और चाय के दौर के चलते रहे। वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रवक्ता हृदय नाराण दीक्षित का कमरा मीडिया कर्मियों से गुलजार रहा। कोई उन्हें छेड़ता और कोई उनके तर्क से सहमति जताता नजर आया।ड्ढr मॉल एवेन्यू स्थित कांग्रेस कार्यालय में गहमा-गहमी थी। मीडिया विभाग के चेयरमैन विवेक सिंह, प्रभारी सुबोध श्रीवास्तव प्रत्याशियों और जिलाध्यक्षों को फोन कर अंतिम दौर की सीटों का वोट प्रतिशत हासिल करते। यह जानकारी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रीता बहुगुणा जोशी को फोन पर दी जाती। बताया गया कि डॉ.जोशी चुनाव प्रचार से आज ही वापस लखनऊ लौटी हैं। वह मतगणना की तैयारियों में मशगूल हैं। कांग्रेसी इस बात से ही खुश थे कि यूपी में उनकावोट प्रतिशत बढ़ जाएगा। पिछले चुनाव की तुलना में इस बार उनके दल के दो गुना परीक्षार्थी अव्वल रहेंगे। चर्चाओं से साफ झलक रहा था कि वह केन्द्र में फिर से यूपीए की सरकार बनने को लेकर आश्वस्त हैं। बहरहाल तीनों ही राजनीतिक स्कूलों के मुख्यालयों में मौजूद लोगों की चर्चा का विषय रिाल्ट रहा..और कोई भी अपने दल की हार सुनने को तैयार नहीं था।

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