उत्तर बिहार में नक्सली हमले का खतरा
उत्तर बिहार के कई थानों पर नक्सली हमले के खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। खासकर वैशाली जिला नक्सलियों के मुख्य निशाने पर है। इस जिले का पातेपुर थाना सहित लगभग आधा दर्जन थाने नक्सलियों के मुख्य निशाने पर...
उत्तर बिहार के कई थानों पर नक्सली हमले के खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। खासकर वैशाली जिला नक्सलियों के मुख्य निशाने पर है। इस जिले का पातेपुर थाना सहित लगभग आधा दर्जन थाने नक्सलियों के मुख्य निशाने पर हैं। अगर अभी से पुलिस सतर्क नहीं हुई तो कभी भी यहां जन्दाहा कांड की पुनरावृत्ति हो सकती है। हालांकि खुफिया अधिकारी उत्तर बिहार में अचानक बढ़ी उग्रवादी गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं पर ‘सावधानी हटी दुर्घटना घटी’ की कहावत यहां कभी भी चरितार्थ हो सकती है।ड्ढr ड्ढr सूत्रों के अनुसार नक्सली संगठन के लोग आम आदमी के वेश में कुछ थानों की भौगोलिक स्थिति का जायजा भी ले रहे हैं। बताया जाता है कि कुछ थानों में उन्होंने अपनी पैठ भी बना ली है, जहां के पुलिसकर्मियों को धोखे में डालकर वहां कभी भी हमला कर सकते हैं। बताया जाता है कि हाल के बीते दो वषरे में पुलिस और एसटीएफ के साथ भाकपा माआेवादियों की हुई मुठभेड़ में उग्रवादियों को हथियारों की हुई हानि के बाद उन्होंने थानों के हथियार लुटने के उद्देश्य से हमले की योजना तैयार की है। नक्सलियों द्वारा चिन्हित थानों को सतर्क रहने के निर्देश भी आधिकारिक तौर पर दे दिए गए हैं। पुलिस के आलाधिकारी भी मानते हैं कि हाल के दिनों में वैशाली और अरवल जिले में नक्सली गतिविधियों में अचानक इजाफा हुआ है। अरवल जिला के किंजर थाना क्षेत्र में जहां नक्सलियों के जमावड़े और लगातार बैठक करने की सूचना है वहीं वैशाली जिले के जन्दाहा और पातेपुर थाना क्षेत्र में माआेवादियों के लगातार विचरण करने की खबर है।ड्ढr ड्ढr गौरतलब है कि वर्ष 2006 में नक्सलियों ने जन्दाहा थाने की घेराबंदी भी की थी। यह दीगर है कि तब नक्सलियों का इरादा थाने पर हमला नहीं बल्कि थाना के बगल में स्थित बैंक को लूटना था। हालांकि तब उग्रवादी अपने मकसद में सफल नहीं हो पाए थे। बीते वर्ष भी नक्सलियों ने वैशाली जिले के शुकी गांव पर हमला बोला था। हालांकि इस हमले को प्रशासन उग्रवादी हमले की बजाए ग्रामीणों की आपसी रंजिश का परिणाम बताता रहा। खुफिया सूत्रों के अनुसार पातेपुर थाना नक्सलियों के ‘टाप टारगेट’ में है। कई दिनों से इस थाने के आसपास कई संदिग्ध व्यक्ितयों को चक्कर लगाते देखा गया है। इसके बाद से ही खुफिया तंत्र के कान खड़े हो गए हैं। इस संदर्भ में पूछे जाने पर आईजी, ऑपरेशन एस के भारद्वाज ने कहा कि मुख्यालय को भी नक्सली गतिविधियों की सूचना है ।ड्ढr ड्ढr उन्होंने बताया कि खतरे को देखते हुए समस्तीपुर व हाजीपुर बार्डर पर पुलिस को एलर्ट रहने को कहा गया है। इसके अलावा लांग टर्म और शॉट टर्म उपाय भी किए जा रहे हैं, जिसके तहत पेट्रोलिंग, छापेमारी व अन्य एहतियातन उपाय शामिल हैं।ं