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पटना-बोधगया की डीपीआर केंद्र को जून तक

उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने विधानसभा में कहा कि पटना और बोधगया की डीपीआर जून तक केन्द्र सरकार को सौंप दी जाएगी। उन्होंने स्वीकार किया कि डीपीआर के निर्माण में विलम्ब हुआ है जिसके कारण दो वर्षो...

 पटना-बोधगया की डीपीआर केंद्र को जून तक
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने विधानसभा में कहा कि पटना और बोधगया की डीपीआर जून तक केन्द्र सरकार को सौंप दी जाएगी। उन्होंने स्वीकार किया कि डीपीआर के निर्माण में विलम्ब हुआ है जिसके कारण दो वर्षो में जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकृत मिशन (नुर्म) के अन्तर्गत मात्र 0 करोड़ रुपए ही इन दोनों शहरों के विकास पर खर्च हुए हैं।ड्ढr ड्ढr माकपा के रामदेव वर्मा के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में श्री मोदी ने कहा कि पटना की डीपीआर बनाने वाली एजेंसी ने गलतियों से भरा डीपीआर बना दिया जिसके कारण केन्द्र सरकार से उसकी स्वीकृति नहीं मिल पायी। उस एजेंसी को काली सूची में डाल दूसरी एजेंसी से डीपीआर बनवायी जा रही है। उम्मीद है कि जून तक डीपीआर केन्द्र को सौंप दिया जाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की अव्यावहारिक शर्तो के कारण डीपीआर की स्वीकृति में भी अनावश्यक विलम्ब किया जाता है। कई अन्य राज्यों ने भी केन्द्र सरकार से शर्तो में ढील देने का आग्रह किया है। दो वर्षो में तामिलनाडु, केरल जैसे कुछ विकासशील राज्यों की डीपीआर ही स्वीकृति हो पायी है। इसके पूर्व नगर विकास मंत्री की अनुपस्थिति में प्रश्न का जवाब देते हुए पीएचईडी मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि नुर्म के तहत पटना और गया शहर के विकास के लिए केन्द्र से 1333 करोड़ रुपए मिलने हैं जिसे वर्ष 2005-2012 की अवधि में खर्च करना है। अब तक 403 करोड़ रुपए की योजना की स्वीकृति मिल गई है। राजद के श्याम रजक के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में पीएचईडी मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि राजधानी में पेयजलापूर्ति के लिए पटना जल पर्षद द्वारा खरीदी गई पर अब तक व्यवहार में नहीं लाई गई पाइपों की बाबत जांच की जाएगी और दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। श्री रजक का आरोप था कि पेयजलापूर्ति के लिए पाइप खरीद कर रखी हुई है पर उपयोग नही होने से शहर की बड़ी आबादी शुद्ध पेजयल से वंचित है। 1.5 अरब लीटर पानी प्रतिदिन बर्बाद हो रहा है।ड्ढr ड्ढr भाजपा के अरुण कुमार सिन्हा के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में प्रेम कुमार ने कहा कि गंगा को प्रदूषण रहित करने के लिए पटना की वर्तमान आबादी के हिसाब से सिवरेज ट्रीटमेन्ट प्लांट की स्थापना की कार्रवाई नुर्म के तहत की जा रही है। श्री सिन्हा के ही एक अन्य प्रश्न के जवाब में प्रेम कुमार ने कहा कि मध्य एवं दक्षिणी पटना की कई प्रमुख सड़कों का जीर्णोद्धार, जलनिकासी एवं जलापूर्ति से संबंधित कई परियोजनाओं की निविदा की कार्रवाई की जा रही है। बाजार समितियों की जमीन पर खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां खुलेंगीड्ढr पटना (हि.ब्यू)। बाजार समितियों की जमीन पर अब खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, शीतगृह, कृषि उत्पादों के लिए गोदाम और कृषि आधारित उद्यमों की स्थापना होगी जिनमें किसानों को कर रियायत समेत विशेष सुविधाएं दी जायेगी। फिलहाल ग्यारह जिलों में बाजार समितियों के भवनों को पुलिस के कब्जे से छुड़ाने और बकाया किराया वसूली की कार्रवाई चल रही है। गुरुवार को विधानसभा में अमरेन्द्र प्रताप सिंह के प्रश्न पर कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह ने यह जानकारी दी। सदस्य का कहना था कि भवनों में रहने वाली पुलिस पर पांच करोड़ रुपये से अधिक किराया बकाया है। मंत्री ने बताया कि किशनगंज में 81 लाख रुपये में से 24.लाख रुपये किराये की वसूली हुई है। जहानाबाद और मोहनिया के भवनों को खाली करा लिया गया है जबकि मधेपुरा, अररिया, खगड़िया, जयनगर, सिंहेश्वरस्थान, नौगछिया और बक्सर में भवनों पर अब भी पुलिस का कब्जा है। उन्होंने बताया कि बाजार की जमीन के विकास और वहां किसानों को मिलने वाली सुविधा का खुलासा कृषि विकास के लिए तैयार कराये जा रहे रोडमैप में होगा।ं

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