फोटो गैलरी

Hindi News किडनी निकालने कामामला विधानमंडल में गूंजा

किडनी निकालने कामामला विधानमंडल में गूंजा

राजधानी के राजीवनगर स्थित श्यामल अस्पताल में चिकित्सकों द्वारा एक मरीज की किडनी निकाले जाने से हुई मौत का मामला गुरुवार को विधान मंडल के दोनों सदनों में गूंजा।ड्ढr ड्ढr परिषद में शून्यकाल के...

 किडनी निकालने कामामला विधानमंडल में गूंजा
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
ऐप पर पढ़ें

राजधानी के राजीवनगर स्थित श्यामल अस्पताल में चिकित्सकों द्वारा एक मरीज की किडनी निकाले जाने से हुई मौत का मामला गुरुवार को विधान मंडल के दोनों सदनों में गूंजा।ड्ढr ड्ढr परिषद में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के चंदन बागची तथा विधान सभा में किशोर कुमार मुन्ना ने यह मामला उठाया। परिषद में इस मुद्दे पर पूरा विपक्ष एक साथ उठ खड़ा हुआ। सदस्यों ने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा कि मरीजों की जिन्दगी के साथ खिलवाड़ हो रहा है। विपक्षी सदस्य इस मामले पर सरकार से सदन में जवाब की मांग कर रहे थे। विपक्षी सदस्यों ने इस मामले में दोषी चिकित्सकों के विरुद्ध कार्रवाई की भी मांग की। कुछ देर तक इस मुद्दे पर सदन में जबरदस्त शोर-शराबा भी होता रहा। बाद में सरकार की ओर से उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सदन में घोषणा की कि सरकार मामले की जांच करा रही है।ड्ढr ड्ढr दूसरी ओर विधान सभा में श्री मुन्ना ने कहा कि श्यामल हास्पिटल में ऑपरेशन के बाद मरीज भगवान सिंह की मौत हो गयी। उनके परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने मरीज की किडनी निकाल ली और बाद में सौदेबाजी पर उतर आए। उन्होंने आशंका जताई की हास्पिटल में पहले से ही अवैध किडनी प्रत्यारोपण का रैकेट चल रहा है जिसके चलते कई लोगों का जीवन बर्बाद हो गया है। उन्होंने मामले को गंभीर बताते हुए सरकार से परिजनों के आरोप की उच्चस्तरीय जांच कराकर कार्रवाई की मांग की।ड्ढr ड्ढr दुर्गावती परियोजना शुरू करने को हरी झंडीड्ढr पटना (हि. ब्यू.)। कैमूर जिला स्थित दुर्गावती जलाशय परियोजना पर काम शुरू होने के आसार जग गये हैं। मामले की सुनवाई कर रही प्राधिकार समिति ने इस योजना को शुरू करने की हरी झंडी दे दी है। समिति ने अपनी अनुशंसा उच्चतम न्यायालय को भी भेज दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार समिति ने राज्य सरकार द्वारा पूर्व सिंचाई मंत्री जगदानंद सिंह और विभाग के अधिकारी पर किए गए मुकदमे को भी खारिज कर दिया है। हालांकि अभी तक कमेटी की रिपोर्ट अप्राप्त है और रिपोर्ट मिलने में कम से कम अभी चार दिन लगेंगे। लेकिन जानकारी के अनुसार समिति ने योजना के स्थल को लेकर उत्पन्न विवाद को खारिज करते हुए कहा है कि केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अध्ययन से भी पता चलता है कि योजना के लिए चयनित स्थल सही है।ड्ढr ड्ढr इस मामले में इन्टरवेनर के रूप में उपस्थित चेनारी के विधायक ललन पासवान ने कहा कि केन्द्र सरकार ने भी श्रावणी एक्ट के तहत लगाई गई शर्तों को वापस ले लिया है। केन्द्रीय कैबिनेट में शर्त वापस करने के फैसले को देखने के बाद ही समिति ने यह फैसला लिया है। उधर बिहार सरकार ने भी वन विभाग को क्षति के लिए दी जानेवाली 180 करोड़ की राशि विभाग को दे दी है। इन सब परिस्थितियों पर विचार के बाद ही समिति ने योजना को शुरू करने की हरी झंडी दी है। विधायक ललन पासवान ने बताया कि उनके वकील पीके पंजियार ने भी इस आशय की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि योजना शुरू करने के फैसले से रोहतास और कैमूर के किसानों की जीत हुई है। उन्होंने किसानों को बधाई और प्राधिकार समिति को धन्यवाद दिया है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें