..आप को देखकर देखता रह गया क्या कहूं
चुपके-चुपके रात-दिन आंसू बहाना याद आया रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आज आप को देखकर देखता रह गया क्या कहूं और कहने को क्या रह गया तुमको देखा तो यह ख्याल आया वो कागज की कश्ती वो बारिश का पानी दिल...
चुपके-चुपके रात-दिन आंसू बहाना याद आया रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आज आप को देखकर देखता रह गया क्या कहूं और कहने को क्या रह गया तुमको देखा तो यह ख्याल आया वो कागज की कश्ती वो बारिश का पानी दिल चीज क्या है आप मेरी जान लीजिए इन आंखों की मस्ती की.. बांग्ला व असमिया फिल्मों की चर्चित पाश्र्वगायिका व गजल गायिका जनिवा राय ने अपनी दिलकश आवाज से संडे की शाम को सुहानी शाम बना दिया। उन्होंने अपनी मखमली आवाज में जगजीत सिंह, मेहंदी हसन, गुलाम अली व आशा भोंसले के चर्चित गजलों के साथ ही कई पुरानी फिल्मों के हिट गीत गाकर लोगों को झुमा दिया।ड्ढr ड्ढr मौका था भारतीय नृत्य कला मंदिर ओपेन एयर थिएटर में रविवार को आयोजित गजल संध्या ‘एक शाम जनिवा के नाम’ का। भोलानाथ रूरल डेवलपेंट एसोसिएशन हावड़ा द्वारा पटना व कोलकाता के अनाथ बच्चों के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। आयोजन से एकत्रित राशि इस्कान, पटना व रिफ्यूजी कोलकाता को अनाथ बच्चों के कल्याण के लिए दी जाएगी। इस मौके पर इस्कान के योगेश्वर दास, देनू गोविंद दास व रिफ्यूजी के समरश डे व जयदेव शाह विशेष अतिथि थे। महान संगीतकार नौशाद अली से प्ररित जनिवा बांग्ला व असमिया फिल्म माला बदल, त्याग, मिस्टर पार्टनर, मि. फंटूस व लक्ष्यभेद में अपनी आवाज दे चुकी है। गजल संध्या की शुरुआत उन्होंने श्लोक से की और फिर जगजीत-चित्रा के गाए तुमको देख.., आपको देखकर.. गाया। गीतादत्त की सुपरहिट गीत ‘बाबूजी धीर चलना’, लता मंगेशकर की हिट गीत ‘लग जा गले कि फिर ये हसीन रात हो न हो, आशा भोंसले की गायी गजल ‘दिल चीज क्या’ सुनायी तो पूरा ओपेन एयर थिएटर तालियों व वाह-वाह से गूंज उठा। उमराव जान फिल्म की गजलों की प्रस्तुति के दौरान जनिवा राय ग्रुप की डांसरों ने मनमोहक नृत्य पेश किए।