आडवाणी की किताब से फारूक की फजीहत
भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की किताब ‘माई कंट्री-माई लाइफ’ के पाचवें चरण के आठवें अध्याय ने जम्मू-कश्मीर में अपनी चुनावी तैयारी में जुटे नेशनल कांफ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला की फजीहत करा दी...
भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की किताब ‘माई कंट्री-माई लाइफ’ के पाचवें चरण के आठवें अध्याय ने जम्मू-कश्मीर में अपनी चुनावी तैयारी में जुटे नेशनल कांफ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला की फजीहत करा दी है। किताब की एक खास टिप्पणी से नाराज फारूक और उनकी पार्टी के अन्य नेता आडवाणी को अब ‘झूठा’ तक करार दे रहे हैं। लेकिन इससे उनकी मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। पीडीपी ने फारूक को ‘ कश्मीर का दगाबाज’ तक कहा है। आडवाणी ने किताब में जून-जुलाई, 2000 के घटनाक्रम के क्रम में रहस्योद्घाटन किया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अब्दुल्ला द्वारा जम्मू-कश्मीर विधानसभा में स्वायत्तता-प्रस्ताव पारित कराए जाने के बाद प्रधानमंत्री वाजपेयी और उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस के रवैये को पुरजोर ढंग से खारिज किया। 4 जुलाई, 2000 को कैबिनेट बैठक में उसे खारिज करते हुए बाकायदा प्रस्ताव पारित किया गया। ्र वाजपेयी ने फारूक से कहा कि कैबिनेट ने राज्य विधानसभा द्वारा स्वायत्तता प्रस्ताव पारित कराए जाने को खारिज कर दिया है, ऐसे में नेशनल कांफ्रेंस एनडीए से अलग हो सकती है। लेकिन फारूक प्रस्ताव-प्रकरण पर खामोश हो गए। आडवाणी-रहस्योद्घाटन विवाद को आगे बढ़ाते हुए पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि फारूक साहब और उनकी पार्टी ने कश्मीर हितों के साथ हमेशा दगाबाजी की है।