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रायफल संघ की ओलंपिक में शूटर नहीं भेजने की धमकी

राष्ट्रीय रायफल संघ ने सरकार के लापरवाह रवैये के कारण ओलंपिक से हटने की धमकी दी है। निशानेबाजी में भारत को पदक की आशा है। पर एम्यूनिशन दिलाने के प्रति सरकार के बेहद लचर रवैये के कारण शूटर्स इस तरह की...

 रायफल संघ की ओलंपिक में शूटर नहीं भेजने की धमकी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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राष्ट्रीय रायफल संघ ने सरकार के लापरवाह रवैये के कारण ओलंपिक से हटने की धमकी दी है। निशानेबाजी में भारत को पदक की आशा है। पर एम्यूनिशन दिलाने के प्रति सरकार के बेहद लचर रवैये के कारण शूटर्स इस तरह की धमकी दे रहे हैं। एनआरएआई के महासचिव बलजीत सिंह सेठी ने कहा है कि वे खेल मंत्रालय के रवैये से हैरान हैं। उन्होंने कहा कि कारतूस की कमी को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखा है। सेठी ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि ऐसे में शूटर्स को ओलंपिक में भेजा जाना चाहिए। इसका नुकसान हो चुका है। मैं इस मसले को अगले महीने आम सभा में उठाऊंगा। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही दुख की बात है कि शूटर्स से हमें पदक की उम्मीद है और उन्हीं के साथ ऐसा खराब व्यवहार किया जा रहा है। ओलंपिक रजत पदक विजेता राज्यवर्धन सिंह राठौर और विश्व चैंपियन अभिनव बिंद्रा और मानवजीत सिंह सहित नौ शूटर्स 8 से 24 अगस्त तक बीजिंग में आयोजित हो रहे ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया है। कारतूसों की जबरदस्त कमी है। खासकर एयर व्हीपन के लिए तो कारतूस मिल ही नहीं रहे। इंडियन मास्टर्स प्रतियोगिता के दौरान सेठी ने कहा कि पिछले 23 साल से सरकार सभी प्रकार के एम्यूनिशन मुहैया करा रही है। अचानक पता नहीं क्या हो गया। उन्होंने पिछले ढाई साल से इसकी सप्लाई रोक दी है। उन्होंने हमें 13 दिसम्बर को बताया था कि हमें इंपोर्ट लाइसेंस के लिए आवेदन देना होगा। सेठी ने कहा कि यदि एनआरएआई को तत्काल लाइसेंस मिल जाए तब भी शूटर्स तक कारतूस पहुंचने में कम से कम तीन महीने का समय लगेगा। यह ओलंपिक का साल है। इतने कम समय में कारतूस की व्यवस्था करना आसान नहीं है। सेठी जानना चाहते थे कि जो सरकार इतने सालों से आयात करती आ रही थी, अब क्यों नहीं कर रही। मुझे लगता है कि भीतरखाने कोई समस्या है और उसका ठीकरा वे हमारे सिर फोड़ना चाहते हैं। खेल मंत्रालय के अधिकारियों से मिलने के बाद सेठी ने कहा कि उन्हें अभी भी उम्मीद है कि कोई रास्ता निकल आएगा। उन्होंने कहा कि इतने हो हल्ले के बाद सरकार जाग गई है। उन्होंने मुझे मिलने के लिए कहा है। मुझे लगता है कि अब समस्या का हल हो जाएगा।

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