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ग्रीन विकेट कैसे बन गई बैट्समैन पैराडाइज

सीरीज शुरू होने से तीन दिन पहले ही दक्षिण अफ्रीका और भारत की टीमें चेन्नई पहुंच गई थीं। इसी दिन टीम इंडिया के कप्तान अनिल कुम्बले चेपक का विकेट देखने के लिए पहुंच गए थे। ऑस्ट्रेलिया में हमारे तेज...

 ग्रीन विकेट कैसे बन गई बैट्समैन पैराडाइज
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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सीरीज शुरू होने से तीन दिन पहले ही दक्षिण अफ्रीका और भारत की टीमें चेन्नई पहुंच गई थीं। इसी दिन टीम इंडिया के कप्तान अनिल कुम्बले चेपक का विकेट देखने के लिए पहुंच गए थे। ऑस्ट्रेलिया में हमारे तेज गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए एम.ए. चिदम्बरम स्टेडियम में पहली बार ग्रीन विकेट तैयार किया था। लगता है कप्तान कुम्बले को यह गंवारा नहीं था। सूत्रों के अनुसार, कुम्बले ने ही विकेट से घास हटाने की हिदायत दी थी। उन्होंने कहा था, हमें विकेट पर घास नहीं चाहिए। हमारे तेज गेंदबाज वैसे भी पूरी तरह से फिट नहीं हैं। घास पूरी उड़ा दो। दूसरे दिन जब देखा तो विकेट से घास गायब थी। ऊपर से मैच शुरू होने से पहले दो दिन की बारिश के चलते विकेट पूरी तरह से तैयार करने का मौका ही नहीं मिला। इस बात को खुद अनिल कुम्बले ने भी स्वीकार किया। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद थी कि विकेट टूटेगा। लेकिन बारिश के चलते विकेट को पूरी तरह से तैयार नहीं किया जा सका। हालांकि कुम्बले ने इस बात से इनकार कर दिया कि मैंने विकेट तैयार करने के बारे में कोई ऑर्डर दिए थे। मैं हमेशा यही चाहूंगा कि ऐसा विकेट हो जिसमें बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों के लिए कुछ न कुछ हो।घास कटने के बाद लगातार हैवी रोलिंग होती रही। यही कारण रहा कि विकेट पूरी तरह से फ्लैट हो गया। इतिहास गवाह है कि चेन्नई का विकेट चौथे और पांचवें दिन अवश्य टूटता है। आखिरी दो दिन तो यह स्पिन पैराडाइज (स्पिनरों का स्वर्ग) हो जाता है लेकिन इस बार ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला। टेस्ट के पांचों दिन इससे स्पिनरों को कोई मदद नहीं मिली। बावजूद इसके इस मैच में रोमांच लगातार बना रहा। हां, यह विकेट बल्लेबाजों का स्वर्ग जरूर बन गया। विरेन्दर सहवाग तो यहां खेली अपनी 31रन की पारी को और इस विकेट को हमेशा-हमेशा याद रखेंगे। राहुल द्रविड़ (111) ने यहां दोहरी सफलता हासिल की। पहले वे टेस्ट क्रिकेट में 10 हजार रन बनाने वाले खिलाड़ी बने। फिर उन्होंने चेपक पर अपना पहला शतक भी जमाया। दक्षिण अफ्रीका की ओर से हाशिम आमला (15और नील मैकेंजी (नॉटआउट) भी भारत के खिलाफ अपना पहला शतक जमाने में सफल रहे। मैच में कुल 1488 रन बने। मैच की पूर्व संध्या पर पिच क्यूरेटर कन्नन पार्थसारथी और बोर्ड की पिच कमेटी के दक्षिण क्षेत्र के सदस्य पीआर विश्वनाथन कहते रहे कि विकेट जरूर टूटेगा और अंतिम दो दिन टर्न मिलेगा। ऐसा कुछ नहीं हुआ और मैच बिना किसी हार-जीत के समाप्त हो गया।

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