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दिन बेगारी में कटा, कई घरों में नहीं जले चूल्ह

सोमवार को पंडरा में आम दिन की तरह बाजार का माहौल नहीं था। दिहाड़ी कमानेवाले मोटिया मजदूर, टेंपो और रिक्शा चालकों की टीम कहीं ताश खेलकर दिन काट रही थी, तो कहीं ठेला मजदूर लेटकर अपनी थकान मिटाने की...

 दिन बेगारी में कटा, कई घरों में नहीं जले चूल्ह
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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सोमवार को पंडरा में आम दिन की तरह बाजार का माहौल नहीं था। दिहाड़ी कमानेवाले मोटिया मजदूर, टेंपो और रिक्शा चालकों की टीम कहीं ताश खेलकर दिन काट रही थी, तो कहीं ठेला मजदूर लेटकर अपनी थकान मिटाने की कोशिश कर रहे थे। दिनभर कमाकर खानेवाला लखन भी ताश के पत्तों के बीच दिन काट रहा था। ताश के पत्तों में गुम वह शायद यह भूल गया था कि आज कमाई नहीं होने से घर में शाम को चूल्हा नहीं जलेगा।ड्ढr शाम में जब उसे घर क साथ भूखे बच्चों की भी याद आयी। दोस्तों से कर्ज लेने की कोशिश की, पर उनकी स्थिति भी उसकी ही तरह थी। किसी तरह बगल की दुकान से उधार में चावल-दाल लेकर रात के खाने का इंतजाम किया। लखन के घर में तो किसी तरह रात का भोजन बन गया, पर कई मजदूरों के घर में चूल्हा नहीं जला पाया।ड्ढr ऐसी स्थिति राजधानी के लगभग चार हजार मोटिया मजदूरों और छोटे वाहन चालकों की हुई। यह स्थिति सोमवार को रांची बंद के कारण हुई। बंद से व्यापार तो प्रभावित हुआ पर सबसे ज्यादा असर रोज कमाकर खानेवालों पर पड़ा। दिनभर कमाने-खानेवाले मजदूरों में से कोई अपनी तकदीर को कोस रहा था, तो कोई बेवजह बंद कर बेकार की रोटी सेकनेवालों को। टेंपो-रिक्शा चालक, मोटिया मजदूर और दिहाड़ी मजदूर सभी की जुबान पर एक बात जरूर थी कि इस प्रकार की बंदी न हो तो बेहतर होगा।ड्ढr हटिया, हिनू और बिरसा चौक में रांची बंद का खासा असर रहा। क्षेत्र में दुकानें बंद रहीं। ऑटो नहीं चले। आम यात्रियों को काफी परेशानी हुई। विशेषकर रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े लोगों को आनेजाने में भारी परेशानी उठानी पड़ी।ड्ढr एचइसी का सेक्टर-टू और झोपड़ी मार्केट पूरी तरह से बंद रहा। रांची-खूंटी मार्ग पर सिंहमोड़ की सभी दुकानें बंद रहीं। टेंपो के साथ-साथ रिक्शा भी नहीं चले। अपर बाजार में बंद का प्रभाव देखा गया। जेजे रोड, कार्टसराय रोड, ईस्ट मार्केट रोड और गांधी चौक समेत अन्य मुहल्लों की सभी दुकानें बंद थी। कांके में बंद का कोई असर नहीं पड़ा। यहां स्थित संस्थान एवं दुकानें खुली रहीं।ड्ढr आम दिनों की तरह ही कामकाज भी हुए। हालांकि कांके रोड में बंद का असर देखा गया। करीब 0 फीसदी दुकानें बंद रहीं।ड्ढr लालपुर चौक, डंगराटोली, कांटाटोली और बहूबाजार चौक पर लोग घंटों ऑटो के इंतजार में खड़े रहे। बंद के कारण काफी कम संख्या में ऑटो चले। इसका फायदा ऑटो चालकों ने उठाया। बरियातू और बूटी क्षेत्र में रांची बंद का आंशिक असर दिखा। यहां सुबह नौ बजे तक टेंपो आदि चले। अपराह्न् दो बजे तक सड़कों पर वाहन कम दिखे। बंद ठीक नहीं : सीएम रांची। मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने कहा है कि निकाय चुनाव में गड़बड़ी को लेकर रांची बंद बुलाना बिल्कुल ठीक बात नहीं है। किन्हीं को कोई आपत्ति है तो उन्हें कोर्ट की शरण में जाना चाहिए। उचित फोरम पर अपनी बात रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जो जनप्रतिनिधि बनने जा रहे हैं उन्हें कानून पर भरोसा होना चाहिए।े

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