अपने ही घर में कैद है एक परिवार
पुलिस ने एक परिवार को उसी के घर में कैदकर कर दिया है। वाकया मटौंध थाना क्षेत्र के ग्राम बसहरी का है जहाँ एक विकलांग वृद्धा अपनी बहू और दो मासूम पौत्रों के साथ पिछले पाँच दिनों से अपने ही घर में कैद...
पुलिस ने एक परिवार को उसी के घर में कैदकर कर दिया है। वाकया मटौंध थाना क्षेत्र के ग्राम बसहरी का है जहाँ एक विकलांग वृद्धा अपनी बहू और दो मासूम पौत्रों के साथ पिछले पाँच दिनों से अपने ही घर में कैद है। गाँव वाले घर के बाहर से सीढ़ी लगाकर इन्हें खाना-पानी पहुँचा रहे हैं। मटौंध के थानाध्यक्ष कैलाश कुशवाहा ने मंगलवार को बसहरी के मुरलीधर के मकान में ताला डालकर चाभी गाँव के ही एक व्यक्ित को सौंप दी। माना जा रहा है यह कदम उन्होंने वहीं के एक शख्स के इशारे पर उठाया जबकि इस मकान के अंदर मुरलीधर की विकलांग पत्नी गौरी (70) पुत्रवधू कृष्णा व पौत्र शिवम (3) व सक्षम (1) मौजूद हैं।ड्ढr मुरलीधर के रिहायशी मकान का बैनामा बसहरी गाँव के ही देवीचरण ने 15 जुलाई, 06 को ‘फर्जी तरीके से’ अपने छोटे भाई रामबालक के नाम करवा लिया था। इस की जानकारी होने पर उसने डीएम, एसपी और सहायक रजिस्ट्रार से यह फर्जी बैनामा निरस्त करने की गुहार लगाई लेकिन दबंगों ने इन प्रार्थना पत्रों को दबवा दिया। तब मजबूरन उसने सिविल जज जूनियर डिवीजन के न्यायालय में मामला दायर कर दिया। कोर्ट ने सुनवाई की तिथि 6 मई तय की है।ड्ढr इधर, देवीचरण ने थानाध्यक्ष से मिलकर मकान में अपने स्वामित्व के दावे की रिपोर्ट लगवाकर एसडीएम सदर के न्यायालय में मुकदमा दायर कर दिया जिसकी सुनवाई की तिथि 24 अप्रैल है। बावजूद इसके मटौंध थानाध्यक्ष ने दबंगों से मिलकर मकान में ताला जड़ दिया। मामले के संबंध में थानेदार का कहना है कि एसडीएम बाँदा के आदेश पर मकान की कुर्की की कार्रवाई की गई है।