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नतीजे आए नहीं,मंत्री बनने शुरू!

इसे कहते हैं ख्याली पुलाव पकाना! इसमें कुछ बुरा भी नहीं है। शायद यही सोचकर भाजपाई कुछ ज्यादा हीआगे की प्लानिंग में लग गए हैं। लोकसभा चुनाव के रिजल्ट तो अभी नहीं आए हैं। मगर स्वयंभू सव्रेक्षण रूझानों...

 नतीजे आए नहीं,मंत्री बनने शुरू!
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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इसे कहते हैं ख्याली पुलाव पकाना! इसमें कुछ बुरा भी नहीं है। शायद यही सोचकर भाजपाई कुछ ज्यादा हीआगे की प्लानिंग में लग गए हैं। लोकसभा चुनाव के रिजल्ट तो अभी नहीं आए हैं। मगर स्वयंभू सव्रेक्षण रूझानों के आधार पर उन्होंने एनडीए को भारी बहुमत मिलना तय मान लिया है। प्रदेश मुख्यालय में बैठकर कुछ नेताओं ने तो भाजपा की अगुआई वाली केन्द्र की एनडीए सरकार की रूप-रखा भी खींचनी शुरू कर दी है। इसमें केन्द्र की पिछली एनडीए सरकार के स्वरूप का ध्यान रखा जा रहा है। इस बार भी अधिक से अधिक बिहारी नेताओं को मंत्री बनाया जा रहा है। मसलन अटल सरकार में राजीव प्रताप रूड़ी और सैयद शानवाज हुसैन दोनों नागर विमानन मंत्री रह चुके हैं।ड्ढr ड्ढr लिहाजा इस बार इनमें एक को ही सिविल एविएशन दिया जा रहा है। दूसर के पोर्टफोलियो पर मनन जारी है। पिछली बार सूचना और प्रसारण मंत्री रह चुके रविशंकर प्रसाद का महकमा भी अभी तय नहीं हो पाया है। इसमें उनके कानून के अच्छे जानकार और पार्टी के स्पोक्सपर्सन की छवि का भी ख्याल रखा जा रहा है। मंत्रालयों को लेकर कुछ जिच के बावजूद डा. सीपी ठाकुर व शत्रुघ्न सिन्हा को भी मंत्री पद दे दिया गया है। सबसे अधिक उत्सुकता प्रदेश अध्यक्ष राधामोहन सिंह के संभावित मंत्रालय को लेकर है। कोई उनको गृह तो कोई समाज कल्याण तो कोई कुछ और दे रहा है।ड्ढr ड्ढr अलबत्ता रल को जद यू के खाते में डाल दिया गया है। इसी तरह भाजपाइयों को यह डर भी सता रहा है कि ज्यादा सीटें जीतने की स्थिति में अधिकतर मंत्री पद पर भी जद यू नेताओं का ही दावा होगा। कुछ भाजपाइयों की बिहार सरकार में मंत्री भोला सिंह पर भी अभी से नजर है। उनका मानना है कि यदि वह जीत गए तो यह पद खाली होगा और यह किसी भाजपा विधायक के ही खाते में जाएगा।

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