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बीकॉम की निरस्त परीक्षा 21 को

लखनऊ विश्वविद्यालय ने पेपर आउट होने के कारण निरस्त बीकॉम तृतीय वर्ष के इन्कम टैक्स पेपर की नई तिथि घोषित कर दी है। यह परीक्षा अब 21 अप्रैल को शाम की पाली में होगी। 21 अप्रैल को पहले से तय बीकॉम तीसर...

 बीकॉम की निरस्त परीक्षा 21 को
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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लखनऊ विश्वविद्यालय ने पेपर आउट होने के कारण निरस्त बीकॉम तृतीय वर्ष के इन्कम टैक्स पेपर की नई तिथि घोषित कर दी है। यह परीक्षा अब 21 अप्रैल को शाम की पाली में होगी। 21 अप्रैल को पहले से तय बीकॉम तीसर वर्ष की वोकेशनल-2 परीक्षा अब 24 अप्रैल को शाम की पाली में कर दी गई है।ड्ढr प्रति कुलपति प्रो. आरएस यादव ने बताया कि लविवि से अन्य केन्द्रों को प्रश्नपत्र व उत्तर पुस्तिकाएँ भेजे जाने के संबंध में अब और सख्ती कर दी गइ्र्र है। यह व्यवस्था बुधवार से ही लागू कर दी गई है। उधर, लुआक्टा अध्यक्ष मौलीन्दु मिश्रा ने आरोप लगाया कि शुरू से ही लविवि महाविद्यालयों की बात नहीं सुन रहा। न तो परीक्षा का समय बदलने की बात सुनी गई, न पर्यवेक्षकों की तैनाती में कॉलेजों के प्राचार्यो से शिक्षक माँगे गए। उल्टे जिन्हें पर्यवेक्षक बनाया गया था बीच में ही प्राचार्यों को पत्र लिखकर कह दिया गया कि वे उनसे अनुमति लेकर आएँ। इससे आठ-10 पर्यवेक्षकों ने कार्य करने से इनकार कर दिया। इसी तरह राजेन्द्र प्रसाद मेमोरियल कॉलेज को परीक्षा केन्द्र बनाने पर आपत्ति को भी नजरंदाज किया गया। उन्होंने स्पष्ट कहाकि मंगलवार को पेपर आउट होने के बावजूद जिसने भी परीक्षा कराने का निर्णय लिया वह सीधे तौर पर दोषी है, चाहे वह कुलपति हों या परीक्षा नियंत्रक। लुआक्टा महासचिव विनोद चन्द्रा ने कहाकि यदि परीक्षा निरस्त कराने का निर्णय उसी समय ले लिया जाता जब महाविद्यालयों के प्राचार्य ने इसके लिए अनुरोध किया था तो छात्रों को अनावश्यक दिक्कतों व विश्वविद्यालय किरकिरी से बचाया जा सकता है। जेएनपीजी कॉलेज में तोड़फोड़ की घटना भी न होती। इस मामले में जो भी दोषी हो उसके खिलाफ कुलपति सख्त कार्रवाई करं। उन्होंने कहाकि इस घटना से लविवि को केन्द्रीय दर्जा दिलाने की मुहिम को भी धक्का लगा है। उधर, कालीचरण पीजी कॉलेज, एपी सेन मेमोरियल व जेएनपीजी कॉलेज के शिक्षकों ने बताया कि देहात क्षेत्र से परीक्षा देने आए छात्रों और छात्राओं के परिवारीानों के देर शाम तक बच्चों के घर न पहुँचने के कारण फोन आते रहे। सबसे अधिक दिक्कत मेमोरा की छात्राओं को हुई क्योंकि उनकी आखिरी बस शाम छह बजे जाती है।ड्ढr अजय शुक्लां

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