असली सीने में धड़केगा नकली दिल
हृदय चिकित्सा के क्षेत्र में मंगलवार का दिन सुनहर अक्षरों में दर्ज होगा। देश के कार्डिएक सर्जन्स ने मरीज के सीने में कृत्रिम हृदय प्रत्यारोपित कर इतिहास रच डाला। चार घंटे तक चले इस ऑपरशन को एशिया का...
हृदय चिकित्सा के क्षेत्र में मंगलवार का दिन सुनहर अक्षरों में दर्ज होगा। देश के कार्डिएक सर्जन्स ने मरीज के सीने में कृत्रिम हृदय प्रत्यारोपित कर इतिहास रच डाला। चार घंटे तक चले इस ऑपरशन को एशिया का पहला ऑपरशन है। नारायण हृदयालय के चीफ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ देवी शेट्टी ने बताया कि दिल के मरीज वेंकट कृष्णया का ऑपरशन किया गया।ड्ढr उन्होंने बताया कि जब यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा में कृत्रिम दिल प्रत्यारोपित किये जाने की खबर पर हमने अपने दो डॉक्टर वहां ट्रनिंग करवायी ताकि वेंकट की चुनौती से निपटा जा सके। सर्जरी के बाद मरीज वेंकट अब अच्छा महसूस कर रहा है।ड्ढr मरीज : वेंकट कृष्णया, उम्र 54 साल, 2003 में हार्ट अटैक की वजह से सरकारी बिजली कंपनी से इंजीनियर का पद छोड़ना पड़ा। उन्हें घातक मधुमेह की बीमारी भी है।ड्ढr वे पहले बायपास सर्जरी करा चुके थे, मगर फायदा नहीं हुआ।ड्ढr डॉक्टर्स: मिनेसोटा के डॉ लायल जॉयस के मार्ग दर्शन में अमेरिका से ट्रनिंग लेकर लौटे डॉ टीआर राजेश और डॉ आर भागीरथ ने मरीा के दिल में लेफ्ट वेंटिक्यूलर असिस्ट डिवाइस नामक नकली दिल लगाया, इसकी कीमत 35 लाख रुपया है।ड्ढr दो सौ से ज्यादा ऑपरशन: दुनिया में अब तक 220 नकली दिल लगाये जा चुके हैं। मगर एशिया में पहली बार यह सर्जरी हुई है, जो सफल भी रही।ड्ढr पहली बार सिएटल के बार्ने क्लार्क को 1में कृत्रिम हृदय लगा था। ऑपरशन के बाद क्लार्क 112 दिन जीवित रहे थे।ड्ढr क्या है नये दिल में?ड्ढr आस्ट्रलियाई कंपनी द्वारा निर्मित। हार्ट प्लांटेशन के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जाने वाला नया थर्ड जनरशन इंप्लांटेबल ब्लड पंप। हार्ट फैल्युअर के मरीजों के लिए उपयोगी। मरीा पहले 20 कदम भी नहीं चल पाता था, अब 400 कदम चल लेता है, सीढ़ियां भी चढ़ सकता है।ड्ढr