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टर्निग ट्रैक का रोना न रोएं, खेलना सीखें : वार्नं

भारत में टर्निग ट्रैक का रोना रोने की बजाय मेहमान टीमों को उन पर खेलना सीखना चाहिए। घरलू टीमें अपनी ताकत के अनुकूल ही विकेट बनाती हैं तो इसमें गलत क्या है। एसा मानना है स्पिन के बादशाह रह चुके...

 टर्निग ट्रैक का रोना न रोएं, खेलना सीखें : वार्नं
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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भारत में टर्निग ट्रैक का रोना रोने की बजाय मेहमान टीमों को उन पर खेलना सीखना चाहिए। घरलू टीमें अपनी ताकत के अनुकूल ही विकेट बनाती हैं तो इसमें गलत क्या है। एसा मानना है स्पिन के बादशाह रह चुके ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न का। भारत ने कानपुर टेस्ट जीत कर दक्षिण अफ्रीका से तीन टेस्ट मैचों की सीरीा 1-1 से बराबर कर ली। कानपुर के विकेट को लेकर दक्षिण अफ्रीकी खेमा खुश नहीं था। लेकिन आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स टीम के कप्तान और कोच वॉर्न कहते हैं कि भ्रमणकारी टीमों के टर्निग विकेट पर खेलने के लिए तैयार हो कर आना चाहिए।ड्ढr वॉर्न ने कहा, -मुझे इसमें कुछ गलत नजर नहीं आता। जो भी टीम भारत आती है उसे पता होता है कि यहां एसी ही विकेट मिलेगी। हर टीम अपनी स्ट्रेंथ को देखते हुए घरलू परिस्थितियों का लाभ उठाने की कोशिश करती है। अगर राजस्थान रॉयल्स के लिए स्पिनिंग ट्रैक फायदेमंद रहेगा तो मैं यहां एसा ही ट्रैक बनाना पसंद करूंगा। उन्होंने आगे कहा, क्या भारतीय ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में हार्ड और बाउंसी विकेट पर नहीं खेलते। क्रिकेट का असली फन तो यही है। आपको अलग-अलग तरह की विकेटों पर खेलते हुए खुद को साबित करना चाहिए। यही असली चैलेंज है। वॉर्न ने कहा कि भारत के पास जो युवा टेलेंट है उससे मैं काफी प्रभावित हूं। उन्होंने कहा, मैंने जो देखा है उससे मैं काफी खुश हूं। हमार पास अच्छे युवा खिलाड़ी हैं। वे डायनैमिक तो हैं ही साथ ही उनकी स्किल की कमी भी नहीं है।ड्ढr उन्होंने आगे कहा, युवाओं के साथ रह कर मैं खुद को भी युवा समझने लगा हूं। अवसर मिलता है तो सफलता भी हाथ लगती है। मैं अपने अनुभव को इन युवा खिलाड़ियों के साथ बांटना चाहता हूं। मुझे उम्मीद है कि वे कुछ नया जरूर सीखेंगे। पिछले साल एशेज सीरीा के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले चुके वॉर्न ने कहा कि वह आईपीएल के लिए खुद को पूरी तरह से फिट करने पर ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने कहा, मैं नेट्स में बॉलिंग कर रहा हूं साथ ही स्टेट टीम के साथ कैम्प में भी काम कर रहा हूं। परिस्थितियां पूरी तरह से मेर अनुकूल नहीं हैं लेकिन नेट्स में बॉलिंग करते हुए मैं उन खामियों को दूर करने की कोशिश कर रहा हूं जो टॉप लेवल क्रिकेट से दूर रहने के चलते मेर अंदर आ गई हैं।ं

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